अनिश्चय का साया हटे

अनिश्चय दो स्तरों पर है। पहला यह कि क्या रूस से तेल आयात में कटौती के बाद इस कारण लगे 25 फीसदी शुल्क को अमेरिका जल्द हटाएगा और दूसरा यह कि बाकी 25 फीसदी में वह कितनी छूट देगा। द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर वार्ता के लिए अमेरिकी दल के भारत आने से ठीक पहले भारतीय… Continue reading अनिश्चय का साया हटे

ट्रंप की बदली प्राथमिकता

ट्रंप प्रशासन की नई सुरक्षा रणनीति में चीन का मुकाबला करने लिए अमेरिका को तैयार करने पर खासा जोर दिया गया है। मगर ऐसा लगता है कि इस मकसद को हासिल करने में अमेरिका अब भारत को ज्यादा महत्त्वपूर्ण नहीं मानता। चर्चा तो काफी समय से थी, लेकिन अब इसकी औपचारिक घोषणा हो गई है।… Continue reading ट्रंप की बदली प्राथमिकता

कॉरपोरेट के आगे असहाय

क्रोनी कैपिटलिज्म में राजसत्ता पसंदीदा पूंजीपतियों को अनुचित लाभ पहुंचाती है। यह लाभ पाने के लिए पूंजीपति सत्ताधारियों को प्रसन्न रखने की कोशिश करते हैं। जबकि इंडिगो प्रकरण में केंद्र असहाय नजर आया और आखिरकार उसने घुटने टेक दिए। इंडिगो एयरलाइन्स के मामले ने बताया है कि भारत में सरकार और उपभोक्ता दोनों कॉरपोरेट्स- खासकर… Continue reading कॉरपोरेट के आगे असहाय

अब फिक्र भी नहीं!

जिस दौर में सरकारों की मेधा पर्यावरण संरक्षण कानूनों को इस तरह तोड़ने- मरोड़ने में लगी हो, जिससे ये प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन में आड़े ना आएं, उनसे किसी प्रकार के हल की उम्मीद रखना बेबुनियाद ही है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र पर छाये स्मॉग से जल्द राहत मिलने की संभावना नजर नहीं आती। इसका… Continue reading अब फिक्र भी नहीं!

अबकी बार नब्बे पार

स्थिति इसलिए अधिक गंभीर है, क्योंकि रुपये की कीमत उन अधिकांश देशों की मुद्राओं की तुलना में गिरी है, जिनसे भारत कारोबार करता है। बीते एक साल में 40 विदेशी मुद्राओं के बास्केट की तुलना में रुपया सस्ता हुआ है। रुपया गिरते- गिरते एक अमेरिकी डॉलर की तुलना में 90 की मनोवैज्ञानिक संख्या को पार… Continue reading अबकी बार नब्बे पार

नहीं है यह समाधान

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत अवसर एक लाख 65 हजार थे, लेकिन सवा 33 हजार नौजवान ही ज्वाइन करने को तैयार हुए। उनमें से भी लगभग 20 फीसदी ने बीच अवधि में ही इसे छोड़ दिया। यह कहना शायद जल्दबाजी हो कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना फेल हो गई है। फिर भी यह तो कहा ही… Continue reading नहीं है यह समाधान

‘असीमित दोस्ती’ कैसे बने?

कुल मिला कर द्विपक्षीय संबंध रूस के पक्ष में बेहद झुका हुआ है। उसका क्या समाधान पुतिन पेश करेंगे? उधर रूस और चीन के हित एक दूसरे के संपूरक बने हुए हैं, जबकि यह पहलू भारत के नजरिए एक समस्या है। नई दिल्ली आने से ठीक पहले व्लादीमीर पुतिन ने भारत- रूस के संबंध के… Continue reading ‘असीमित दोस्ती’ कैसे बने?

राजकोष में लगी सेंध

कहा गया था कि जीएसटी में कटौती से बाजार में खरीदारी इतनी ज्यादा बढ़ेगी कि सरकार के कर राजस्व में असल में इजाफा होगा। लेकिन जीएसटी वसूली के अक्टूबर के आंकड़ों ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है। एक ही दिन आई तीन खबरों ने उस गुब्बारे में पिन चुभो दी है कि जिसे… Continue reading राजकोष में लगी सेंध

गले पड़ा एक ‘साथी’

ऐसे सारे निर्णय बिना किसी सार्वजनिक बहस के लिए जा रहे हैं। अतः इस अंदेशे में दम है कि भारत को एक ऐसे समाज में बदला जा रहा है, जहां व्यक्ति की प्राइवेसी के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी जाएगी। हर स्मार्टफोन सेट में संचार साथी ऐप डालने के केंद्र के निर्देश पर जागरूक तबकों… Continue reading गले पड़ा एक ‘साथी’

प्रक्रिया उलझाऊ ना बने

यह सोच अपने-आप में सही जगह पर है कि मकान किराए पर लगाने का कारोबार औपचारिक दायरे में आए और जहां अपने मकान की सुरक्षा को लेकर मालिक आश्वस्त हों, वहीं किराएदार के अधिकारों का भी संरक्षण हो। भारत सरकार का कहना है कि मकान किराया संबंधी नए नियमों में उसने मकान मालिक और किरायेदार… Continue reading प्रक्रिया उलझाऊ ना बने

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