नीतीश सरकार को नई चुनौतियां

क्रिकेट के खेल की तरह राजनीति को भी अनिश्चितताओं का खेल माना जाता है। लेकिन नीतीश कुमार ने इसको भी इतनी प्रेडिक्टेबल बना दिया है कि जिसको राजनीति की ज्यादा समझ नहीं होती है वह भी कहता है कि बिहार के मुख्यमंत्री तो नीतीश कुमार ही बनेंगे। इसके बाद मजाकिया अंदाज में यह भी कहा… Continue reading नीतीश सरकार को नई चुनौतियां

आतंकवाद के खिलाफ जंग कभी समाप्त नहीं होगी!

नक्सलवाद के खिलाफ भारत जंग जीत रहा है। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई में नक्सली कमांडर मारे जा रहे है। दंतेवाड़ा और झीरम घाटी जैसे बड़े हमलों का मास्टरमाइंड और सबसे खतरनाक नक्सली कमांडरों में से एक माडवी हिडमा को भी सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से नक्सलवाद को… Continue reading आतंकवाद के खिलाफ जंग कभी समाप्त नहीं होगी!

बिहार में भाजपा के लिए रास्ता

बिहार में पहली बार विधायकों की संख्या के लिहाज से भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनी है। यह लंबे प्रयासों और दीर्घकालिक राजनीति का परिणाम है। जिस समय भाजपा बिहार विधानसभा में अच्छे खासे अंतर से दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनती थी तब भी वह तीसरे नंबर की पार्टी के नेता नीतीश कुमार का… Continue reading बिहार में भाजपा के लिए रास्ता

जिसकी संख्या भारी उसको मिलेगी जीत

बिहार में चुनाव इस बार भी अपवाद साबित नहीं हुआ। इस बार भी सभी 243 सीटों पर जातीय समीकरण के आधार पर ही चुनाव लड़ा गया और लोगों का मतदान व्यवहार भी पार्टियों के सामाजिक समीकरण और नेताओं की जाति से तय हुआ। इसके कुछ अपवाद भी हैं लेकिन उन अपवादों के आधार पर बिहार… Continue reading जिसकी संख्या भारी उसको मिलेगी जीत

रिकॉर्ड वोटिंग का क्या अर्थ है?

वोटर टर्नआउट की व्याख्या करने की एक शास्त्रीय विधि है, जिसके मुताबिक कम मतदान का मतलब है यथास्थिति बरकरार रहना और ज्यादा मतदान का मतलब है सत्ता परिवर्तन। लेकिन यह एक रूढ़ परिभाषा है, जो कई बार गलत साबित हो चुकी है। सीएसडीएस के संजय कुमार ने अपने लेख में बताया है कि 2020 तक… Continue reading रिकॉर्ड वोटिंग का क्या अर्थ है?

साफ हवा जीवन का मौलिक अधिकार है

दिल्ली की हवा में दम घुट रहा है। यह बात सिर्फ वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई के आंकड़ों से नहीं समझी जा सकती है। जो लोग इस हवा में सांस ले रहे हैं उनको महसूस हो रहा है कि वे अपने फेफड़े में जहर भर रहे हैं। फिर भी अगर आंकड़ों के लिहाज से ही… Continue reading साफ हवा जीवन का मौलिक अधिकार है

‘मुफ्त की रेवड़ी’ और ममदानी मॉडल का फर्क

जब से जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के मेयर का चुनाव जीते हैं तब से अमेरिका से ज्यादा उनकी चर्चा भारत में हो रही है। भारत का राइट विंग इकोसिस्टम पूरी गंभीरता से और कुछ स्वतंत्र विश्लेषक मजाकिया अंदाज में बता रहे हैं कि आखिर ममदानी भी मुफ्त की रेवड़ी का वादा करके चुनाव जीत गए। उनका… Continue reading ‘मुफ्त की रेवड़ी’ और ममदानी मॉडल का फर्क

एआई चापलूस, झूठा और प्रोपेगेंडा मशीन?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई को लेकर पूरी दुनिया अद्भुत अचम्भे में है। जीवन के हर क्षेत्र में इसके महत्व और इसकी जरुरत को प्रमाणित करने के दावे किए जा रहे हैं। इसका असर भी दिख रहा है। एआई के कारण बड़ी टेक कंपनियों के सीईओ की सैलरी बढ़ रही है और कंपनियों के शेयरों की… Continue reading एआई चापलूस, झूठा और प्रोपेगेंडा मशीन?

भारतीयों में देश छोड़ने की होड़

पहले कुछ आंकड़ों से ही बात शुरू करते हैं। ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट यानी ओईसीडी की ओर से सोमवार, तीन नवंबर को इंटरनेशनल माइग्रेशन आउटलुक 2025 जारी किया गया। इसके मुताबिक 2023 में सवा दो लाख भारतीयों ने ओईसीडी समूह के देशों की नागरिकता हासिल की। इस अवधि में पूरी दुनिया से करीब… Continue reading भारतीयों में देश छोड़ने की होड़

चुनाव में क्या कुछ भी वादा किया जा सकता है?

राजनीतिक दलों और नेताओं में आखिर इतनी हिम्मत कहां से आती है कि वे चुनाव से पहले कुछ भी वादा कर देते हैं? लोकतंत्र के लिए यह बहुत जरूरी सवाल है और इसका सीधा सरल जवाब यह है कि चूंकि जनता चुनाव के बाद नेताओं को जवाबदेह नहीं ठहराती है, उनसे उनके वादों के बारे… Continue reading चुनाव में क्या कुछ भी वादा किया जा सकता है?

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