भारत में मानवाधिकार की अवधारणा प्राचीन

वैदिक मतानुसार सभी मनुष्य जन्म से समान हैं और उनमें कोई श्रेष्ठ या निम्न नहीं है, जो आधुनिक मानवाधिकारों के गैर भेदभाव के सिद्धांत का आधार है। सभी मनुष्यों को एक दूसरे के प्रति दयालु और जिम्मेदार होने का उपदेश देता ऋग्वैदिक मंत्र मनुर्भव वर्तमान के मानवाधिकारों का मूल है। यजुर्वेद 36/18का मित्रस्य अर्थात मित्रता… Continue reading भारत में मानवाधिकार की अवधारणा प्राचीन

मौलाना मदनी का जुल्म

जमाते उलेमा के नेता मौलाना महमूद मदनी ने गत ३० नवंबर को भोपाल में एक सभा में कहा कि ‘इस्लाम और मुसलमानों के दुश्मनों ने जिहाद जैसी इस्लाम की पवित्र धारणा को दुर्व्यवहार, अव्यवस्था और हिंसा से जुड़े शब्दों में बदल दिया है। … कहीं पर कोई आतंकवादी घटना हो जाती है तो उसको जिहाद… Continue reading मौलाना मदनी का जुल्म

भारत के आंकड़ों के ‘सी ग्रेड’ में जाने की कहानी

भविष्य में जब इतिहास लिखा जाएगा, तो उसमें यह दर्ज होगा कि जो भारत में आत्म-साक्षात्कार का जो तरीका महालनोबिस की टीम ने बनाया, उसे अपनी फ़ौरी सियासी जरूरतों को पूरा करने के लिए किस तरह नरेंद्र मोदी सरकार ने लांछित कर दिया। इस सरकार और इसके समर्थकों को अभी शायद ये अहसास नहीं है… Continue reading भारत के आंकड़ों के ‘सी ग्रेड’ में जाने की कहानी

मोदी-पुतिन की कूटनीति दुनिया ने देखी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के साथ भारत के संबंधों को ‘ध्रुव तारे की तरह अटल’ बताया। उन्होंने कहा कि 25 साल पहले राष्ट्रपति पुतिन ने ही साझेदारी की नई बुनियाद रखी थी और उसके बाद दुनिया के कितने संकट देखे, दोनों देशों ने कितने उतार चढ़ाव देखे फिर भी दोनों के संबंध स्थिर रहे।… Continue reading मोदी-पुतिन की कूटनीति दुनिया ने देखी

औपनिवेशिक मानसिकता का सच बड़ा है!

यूं तो प्रधानमंत्री मोदी ने मैकॉले मानसिकता की सही पहचान की है, लेकिन यह पूरा सच नहीं है। भारत का प्रभावशाली राजनीतिक, बौद्धिक और सामाजिक वर्ग सिर्फ मैकॉले ही नहीं, बल्कि कार्ल मार्क्स की विचारधारा से भी लंबे समय तक ग्रस्त रहा है। स्वतंत्रता के बाद से यह वैचारिक तंत्र— कभी साथ मिलकर, कभी अलग-अलग… Continue reading औपनिवेशिक मानसिकता का सच बड़ा है!

‘तेरे इश्क में’: एक मनोवैज्ञानिक विमर्श

फ़िल्म का मूल संघर्ष प्यार और ऑब्सेशन की वह महीन रेखा है, जिसे पार करते ही प्रेम विष में बदल जाता है।… इस फ़िल्म की कहानी में आधुनिक रिश्तों में इमोशन की एक दिलचस्प यात्रा है। तब प्यार किस तरह की कसौटी से गुज़रता है जब दो प्यार करने वालों के रिश्ते में इमोशनल बैगेज,… Continue reading ‘तेरे इश्क में’: एक मनोवैज्ञानिक विमर्श

प्रश्नों के अमरत्व पर नहीं है कोई प्रश्नचिह्न

संसद के चालू शीतकालीन सत्र में उठ रहे सवाल मामूली नहीं हैं। वे हमारे देश की मूलभूत परंपराओं की हिफ़ाज़त के लिए उपजे हैं। वे हमारे मुल्क़ के शाश्वत मूल्यों की रक्षा के लिए जन्मे हैं। वे हमारे जनतंत्र की बुनियाद को पोला बनाने की साज़िश के ख़िलाफ़ परचम लहरा रहे हैं। निर्वाचन प्रक्रिया की… Continue reading प्रश्नों के अमरत्व पर नहीं है कोई प्रश्नचिह्न

अब हवाई यात्रा भी आफत!

इंडिगो और स्पाइसजेट जैसी भारतीय एयरलाइनों को, जो कि A320 पर निर्भर हैं, इस संकट से सबक लेना चाहिए। लागत कम करने के चक्कर में सुरक्षा से कोई भी समझौता नहीं करना चाहिए। एयरलाइनों को विविधीकरण अपनाना चाहिए, केवल एक निर्माता पर निर्भर न रहें। हवाई यात्रा ने आधुनिक युग में दुनिया को गांव बनाया… Continue reading अब हवाई यात्रा भी आफत!

मैकाले के इंजिन को ही मोदीजी चला रहे!

भारत की एकमात्र “अनलूटेबल” संपत्ति वह पतली परत है—अंग्रेज़ी-फ्लुएंट, विश्लेषणात्मक रूप से प्रशिक्षित दिमाग़ों की—जिसे मैकाले ने जन्म दिया था। बाकी कोयला, खनिज, नदियाँ—हमने ही चुरा लिए, बर्बाद किए, या लाल फ़ीते में कसकर बांध दिए। इतना सब होने के बावजूद हमने इसके साथ क्या किया? लगभग कुछ नहीं—बल्कि उल्टा किया। एक असहज सच है,… Continue reading मैकाले के इंजिन को ही मोदीजी चला रहे!

कामदेवः प्रेम, काम, वासना और रूप के देव

कामदेव को अनंग भी कहा जाता है। अनंग का अर्थ होता है- बिना अंग वाला अर्थात जिसके कोई शरीर नहीं हो, वह अनंग कहलाता है। भगवान शिव ने उनकी समाधि में विघ्न डालने के कारण रुष्ट होकर अपने तृतीय नेत्र से कामदेव को भष्म कर कामदेव पत्नी रति के रुदन को देखकर व देवताओं की… Continue reading कामदेवः प्रेम, काम, वासना और रूप के देव

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