हमेशा व्हिप की तलवार ठीक नहीं है

कांग्रेस के सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वकील मनीष तिवारी ने एक प्राइवेट मेंबर बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया है। जैसे बाकी सारे प्राइवेट मेंबर बिल के साथ होता है वैसे ही इस बिल का भविष्य भी पहले से तय है। सदन के पटल पर खारिज हो जाना इसकी नियति है। लेकिन… Continue reading हमेशा व्हिप की तलवार ठीक नहीं है

चर्चा की नहीं चुनाव सुधार की जरुरत है

संसद में चुनाव सुधारों की चर्चा हो रही है। शीतकालीन सत्र में सरकार इस पर चर्चा के लिए तभी तैयार हुई, जब विपक्ष वंदे मातरम् पर चर्चा के लिए तैयार हुआ और इस पर सहमत हुआ कि मतदाता सूची कि विशेष गहन पुनरीक्षण की बजाय व्यापक रूप से चुनाव सुधार पर चर्चा होगी। ध्यान रहे… Continue reading चर्चा की नहीं चुनाव सुधार की जरुरत है

इंडिगो संकटः मनमानी, निकम्मेपन की मिसाल

भारत में अब किसी भी घटनाक्रम की, चाहे वह एक बड़े संकट के रूप में क्यों न प्रकट हुआ है, तर्कसंगत या तथ्यात्मक व्याख्या नहीं होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि देश राजनीतिक रूप से इतना विभाजित इतिहास में कभी नहीं रहा है। पूरा देश मोदी समर्थन या मोदी विरोध में बंटा हुआ है। तभी… Continue reading इंडिगो संकटः मनमानी, निकम्मेपन की मिसाल

नागरिकों को आजमा रही थी सरकार!

केंद्र सरकार ने ‘संचार साथी’ ऐप हर स्मार्ट फोन में प्री इंस्टाल कराने का आदेश वापस ले लिया है। जितने सहज तरीके से सरकार इस मामले में पीछे हटी है वह मामूली नहीं है। यह हैरान करने वाली बात है कि भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में कोई प्रतिरोध… Continue reading नागरिकों को आजमा रही थी सरकार!

अराजनीतिक लोगों से कांग्रेस की मुश्किल

कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है। यह उसकी एक बड़ी समस्या है। इसमें कोई संदेह नहीं हो सकता है। कांग्रेस के आलाकमान के कमजोर होने की जो धारणा बनी है और सही धारणा बनी है, उसका कारण यह है कि कांग्रेस चुनाव नहीं जीत रही है। 2014 से पहले जब तक कांग्रेस चुनाव जीत रही… Continue reading अराजनीतिक लोगों से कांग्रेस की मुश्किल

संसद का सत्र सुचारू रूप से कैसे चले?

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार, एक दिसंबर से शुरू हो गया है। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की भारी भरकम जीत के बाद यह सत्र हो रहा है। नए उप राष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का यह पहला सत्र है। वे पहली बार उच्च सदन यानी राज्यसभा का संचालन कर रहे हैं। पिछले यानी मानसून सत्र में… Continue reading संसद का सत्र सुचारू रूप से कैसे चले?

ममता नहीं बना पाएंगी विपक्षी एकता!

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर विपक्षी एकता बनवाने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भी इसके लिए प्रयास किया था लेकिन कामयाब नहीं हो पाई थीं। तब के चंद्रशेखर राव और अरविंद केजरीवाल ने भी प्रयास किया लेकिन उनको भी कामयाबी नहीं मिली। कामयाबी मिली… Continue reading ममता नहीं बना पाएंगी विपक्षी एकता!

एसआईआर पर जिद छोड़े चुनाव आयोग

मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर एक जरूरी कदम है। मतदाता सूची की शुद्धता बहाल करने के लिए पूरे देश में निश्चित रूप से एसआईआर होना चाहिए। बिहार में इसका लाभ दिखा है। करीब 70 लाख नाम मतदाता सूची से कटे और कुछ राजनीतिक आपत्तियों को छोड़ दें तो कहीं से वास्तविक मतदाताओं… Continue reading एसआईआर पर जिद छोड़े चुनाव आयोग

अब कोई पुराना मुद्दा नहीं चलता

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2013 का एक वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया है। उस समय वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरती कीमत पर चिंता जता रहे थे। उस समय सिर्फ नरेंद्र मोदी ही नहीं, बल्कि भाजपा के दूसरे नेता भी कहते… Continue reading अब कोई पुराना मुद्दा नहीं चलता

नए श्रम कानून शोषण का हथियार बनेंगे!

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का एक स्थायी दावा होता है कि वह जो भी काम कर रही है वह सबसे बड़ा काम है या ऐसा काम पहले कभी नहीं हुआ। तभी छह साल पहले 2019 में भारतीय संसद से पास चार श्रम कानूनों को लागू करते हुए ऐसा ही दावा किया गया है। हैरानी… Continue reading नए श्रम कानून शोषण का हथियार बनेंगे!

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