जीडीपी की नई सीरीज़

सरकार जीडीपी माप को अपडेट करने जा रही है, तो प्रयास यह होना चाहिए कि जीडीपी की गणना और आम जन के जीवन स्तर में अधिकतम संबंध बने, ताकि नई शृंखला वास्तव में भारत की आर्थिक स्थिति का आईना बन सके। केंद्र ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की नई शृखंला शुरू करने के लिए चर्चा… Continue reading जीडीपी की नई सीरीज़

एक और रण क्षेत्र

मौजूदा हालात में सरकारी नीतियों से प्रभावित किसी तबके लिए संघर्ष करना या अपनी मांगें मनवाना आसान नहीं रह गया है। इसलिए चार श्रम संहिताओं के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का संघर्ष भी बहुत प्रभाव छोड़ पाएगा, इसकी संभावना कम है। संसद से पारित होने के बाद चार श्रम संहिताओं को लागू करने में सरकार को… Continue reading एक और रण क्षेत्र

यूक्रेन युद्ध के सबक

समझौता हुआ, तो ट्रंप को ‘शांति दूत’ होने का दावा करने का एक और मौका मिलेगा। उधर पुतिन की हैसियत बढ़ेगी। जबकि अमेरिकी नेतृत्व वाली ‘नियम आधारित दुनिया’ के भरोसे बैठे देश खुद को ठगा गया महसूस करेंगे। यूक्रेन युद्ध खत्म कराने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 28 सूत्री शांति योजना पेश की… Continue reading यूक्रेन युद्ध के सबक

व्यावहारिक दृष्टि की कमी

बिहार में हुए एसआईआर के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया में सुधार के कई निर्देश दिए। अब 12 राज्यों में जारी एसआईआर में उन उपायों को लागू किया गया है। इससे बीएलओज पर काम का बोझ बढ़ गया है। मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) के बीच कई बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) की मौत… Continue reading व्यावहारिक दृष्टि की कमी

केंद्र ने जो चाहा!

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने व्यवस्था दी है कि राज्यपाल के विधेयकों को लटकाए रखने जैसे मामलों को कोर्ट में नहीं लाया जा सकता। कोर्ट ने ऐसा करने को शक्तियों के विभाजन की संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ करार दिया है। विधानसभा से पारित विधेयकों को मंजूरी देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने… Continue reading केंद्र ने जो चाहा!

ना कानून, ना कोर्ट!

पुनरीक्षण याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 2-1 के बहुमत से मई में दिए गए फैसले को पलट दिया है। नतीजतन, पर्यावरण मंजूरी की बिना परवाह किए काम शुरू करो और बाद में मंजूरी ले लो- यह चलन जारी रहेगा। कानून यह है कि कोई किसी भी निर्माण परियोजना पर काम पर्यावरण संबंधी मंजूरी… Continue reading ना कानून, ना कोर्ट!

यही तो उपलब्धियां हैं!

नागेश्वरन ने कहा कि आईपीओ को मूल निवेशकों ने संबंधित उद्यम से अपना पैसा निकालने का माध्यम बना लिया है। यानी बहुत से आईपीओ ऐसे हैं, जिनका मकसद पूंजी जुटा कर आगे निवेश करना या उद्यम को फैलाना नहीं है। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन की खूबी यह है वे अक्सर… Continue reading यही तो उपलब्धियां हैं!

भारत की बढ़ी मुश्किल

शेख हसीना के खिलाफ ट्रिब्यूनल के फैसले से बांग्लादेश में सियासी मेलमिलाप की संभावना और घट गई है। दूसरी तरफ इससे भारत की कठिनाइयां बढ़ी हैँ। देश छोड़ने के बाद से हसीना और तत्कालीन गृह मंत्री भारत में रह रहे हैं। जब किसी देश में सत्ता तंत्र में आमूल बदलाव आ जाता है, तो पूर्व… Continue reading भारत की बढ़ी मुश्किल

देश को कीमत बताइए

अपेक्षित यह है कि सरकार खाड़ी, पश्चिम एशिया और रूस जैसे स्रोतों से एलपीजी की खरीदारी पर आने वाली लागत और अमेरिका से खरीदारी पर आने वाले खर्च का तुलनात्मक विवरण सार्वजनिक करे। देशवासियों को यह जानने का हक है। अमेरिका से 22 लाख टन रसोई गैस खरीदने के लिए हुए सौदे को पेट्रोलियम मंत्री… Continue reading देश को कीमत बताइए

राष्ट्र-भक्ति बनाम मुनाफा

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान कॉरपोरेट अधिकारियों के साथ एक सेमीनार में शामिल हुए। वहां उन्होंने जो भाषण दिया, उससे रक्षा उत्पादन में कॉरपोरेट सेक्टर के प्रदर्शन पर सेना में बढ़ते असंतोष की झलक मिली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कॉरपोरेट सेक्टर से कहा है कि मुनाफा प्रेरित अपने… Continue reading राष्ट्र-भक्ति बनाम मुनाफा

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