तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद उनके अन्ना डीएमके में वापसी की अटकलें शुरू हो गईं। कहा जा रहा है कि अमित शाह इस प्रयास में लगे हैं कि अन्ना डीएमके छोड़ कर गए नेताओं की वापसी कराई जाए और एक मजबूत गठबंधन पेश किया जाए। मुश्किल यह है कि भाजपा और अमित शाह के दबाव में अन्ना डीएमके सुप्रीमो ई पलानीस्वामी वापसी के लिए मान तो जाएंगे तो पनीरसेल्वम को कहां एडजस्ट करेंगे? पार्टी महासचिव के नाते पलानीस्वामी ने अपनी पोजिशन बहुत मजबूत कर ली है। अब वे नहीं चाहेंगे कि कोई दूसरा पद बनाना पड़े और दूसरा पावर सेंटर पार्टी के अंदर खड़ा हो।
गौरतलब है कि 10 दिसंबर को अन्ना डीएमके की एक अहम बैठक होने वाली है। इसमें पलानीस्वामी की वापसी की संभावना पर विचार हो सकता है। ध्यान रहे पलानीस्वामी पहले कोऑर्डिनेटर की भूमिका निभा चुके हैं। लेकिन पनीरसेल्वम इस बार उनको वह भूमिका नहीं देंगे। बहरहाल, पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम के बीच क्या होता है इसमें तो दिलचस्पी है लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह है कि अन्ना डीएमके की राजनीति में अमित शाह का दखल बढ़ा है। अब तक डीएमके और अन्ना डीएमके अपने हिसाब से राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस और भाजपा के हैंडल करती थीं। अब अमित शाह वह काम कर रहे हैं, जो कांग्रेस नहीं कर पाई। वे तमिलनाडु की दूसरी सबसे बड़ी प्रादेशिक पार्टियों को हैंडल कर रहे हैं।
