वह महज तस्वीर नहीं थी। केवल एक रस्म नहीं थी। बल्कि भविष्यवाणी, आकाशवाणी की तरह गूंजी। फोटो के बीच में शी जिनपिंग, उनकी एक ओर व्लादिमीर पुतिन, दूसरी ओर किम जोंग-उन। ये तीनों बीजिंग में एक विराट सैन्य परेड के मंच पर सीढ़ियाँ चढ़ते हुए। मौक़ा गंभीर था: द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं… Continue reading एक तस्वीर और “अजेय चीन”?
