सत्ता, स्त्री और संघर्ष का प्रखर रूप: ‘महारानी’

इस सीज़न की सबसे बड़ी खूबसूरती यही है कि यह रानी भारती को सिर्फ़ एक ‘महिला मुख्यमंत्री’ की तरह प्रस्तुत नहीं करता। यह उन्हें सत्ता के उस द्वंद्व में फेंकता है जहां नैतिकता, राजनीति और व्यक्तिगत अस्तित्व की लड़ाई एक-दूसरे से टकराती रहती है। सत्ता के मोह और जनसेवा के उद्देश्य के बीच का संघर्ष… Continue reading सत्ता, स्त्री और संघर्ष का प्रखर रूप: ‘महारानी’

और कितना गिरेंगे टीवी चैनल?

धर्मेंद्र की झूठी मौत की खबर ने एक बार फिर दिखाया कि आज का मीडिया अपनी जिम्मेदारी और नैतिकता को भूल चुका है। टीआरपी और लोकप्रियता के लिए खबरें छापना और सेलिब्रिटीज की निजता का उल्लंघन करना अब आम बात हो गई है। इससे न केवल सेलिब्रिटीज को नुकसान होता है, बल्कि आम जनता को… Continue reading और कितना गिरेंगे टीवी चैनल?

बीजेपी के माहौल के लिए एग्जिट पोल

17 एक्जिट पोल एनडीए को जिता रहे हैं। खासतौर से भाजपा की सीटें बढ़ा चढ़ाकर। भाजपा 101 सीटों पर चुनाव लड़ी है। और एक एक्जिट पोल उसे 95 सीटों पर जिता रहा है। स्ट्राइक रेट कितना हुआ?  95 ही हुआ ना! या 94  हो जाएगा! और वफादारी पूरी दिखाने के लिए महगठबंधन को केवल 32… Continue reading बीजेपी के माहौल के लिए एग्जिट पोल

मानो दिवाली का तोहफा ‘दरबार मूव’

लंबे समय से जम्मू के लोगों की मांग थी कि 2021 में अचानक बंद कर दी गई ‘दरबार मूव’ परंपरा को फिर से शुरू किया जाए। पिछले चार साल में जम्मू के लोगों को परंपरा के बंद होने से भारी नुक्सान उठाना पड़ा है। इस तरह की स्थिति पहले कभी देखी नहीं गई थी। ‘दरबार… Continue reading मानो दिवाली का तोहफा ‘दरबार मूव’

मनु के पौत्र उत्तम मनु

उत्तम मन्वादि के प्रारंभ की तिथि कार्तिक मास की पूर्णिमा है। उत्तम मन्वादि सहित अन्य सभी मन्वादि तिथियों पर नदियों में स्नान, हवन, दान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक अनुष्ठान किये जाने का विधान है। लेकिन उपनयन, विद्यारम्भ, विवाह, निर्माण, गृह प्रवेश, यात्रा आदि में सभी मन्वादि तिथियों का त्याग करना ही उत्तम कहा गया है।… Continue reading मनु के पौत्र उत्तम मनु

वह जंगल राज था या यह जंगल राज?

जंगल राज जिसे कहते हैं मोदी रोज हर भाषण में उसमें गरीब को घर में बंद करने की बात कभी किसी ने कही थी? जिसे जंगल राज कहते हैं वह गरीब का सिर उठाकर खड़ा हो जाना था। सामंत, सामाजिक ताकतें कहती थीं घर से मत निकलने दो। मगर सरकारें इन फरमानों को स्वीकार नहीं… Continue reading वह जंगल राज था या यह जंगल राज?

योगी ने सही कहां, विचारे!

खुमैनी ने कहा था: “पूरा इस्लाम राजनीति है।” उन्होंने सही कहा था। काफिरों के प्रति इस्लाम का व्यवहार ही राजनीतिक इस्लाम है। मुहम्मद की जीवनी, कुरान, और हदीस यह तीनों मिलाकर इस्लामी सिद्धांत और व्यवहार बनता है। इस की आधी से अधिक सामग्री काफिरों (गैर-मुस्लिमों) पर केंद्रित है।।।। इस्लाम का एक मात्र लक्ष्य है: पूरी… Continue reading योगी ने सही कहां, विचारे!

सियासी इस्लाम पर सोचने की हिम्मत कहां?

अंबेडकर ने साफ शब्दों में लिखा है कि, ”मुस्लिम राजनीति अनिवार्यतः मुल्लाओं की राजनीति है और वह मात्र एक अंतर को मान्यता देती है – हिन्दू और मुसलमानों के बीच मौजूद अंतर। …. नायपॉल ने ‘घायल सभ्यता’ में वर्णन किया है वह इस्लामी आक्रमणों का दिया घाव ही है, जिस से भारत उबर नहीं पाया‌… Continue reading सियासी इस्लाम पर सोचने की हिम्मत कहां?

मानव सृष्टि के बाद में वेद

वेद शब्द का अर्थ है ज्ञान। आदि काल में मानव सृष्टि के साथ ही आविर्भूत होने के कारण इसे आदि ज्ञान कहते हैं, तथा  सभी काल में नित्य होने अर्थात सदा बने रहने के कारण इसे शाश्वत्त ज्ञान भी कहा जाता है। आदि ज्ञान का भंडार चार वेद ग्रंथ हैं- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।… Continue reading मानव सृष्टि के बाद में वेद

चुनाव की निष्पक्षता के प्रहरी है पत्रकार

मीडिया को यह भी देखना चाहिए कि क्या चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी है? क्या प्रशासन और चुनाव आयोग निष्पक्ष हैं? क्या मतदाता को स्वतंत्र रूप से वोट डालने का अवसर मिल रहा है? यदि पत्रकार यह निगरानी न करें, तो सत्ता और धनबल का उपयोग करके जनमत को गुमराह करने की आशंका बढ़ जाती है। निर्णायक… Continue reading चुनाव की निष्पक्षता के प्रहरी है पत्रकार

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