सोशल मीडिया से बचपन बचाने की चुनौती

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने एक साहसिक प्रयोग शुरू किया है। 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर तालाबंदी। 10 दिसंबर से। दुनिया का पहला देश, जिसने सोशल मीडिया के प्रकोप से बचपन को बचाने की कोशिश की है। मुकम्मल तरीके से। लिहाजा दुनिया भर की निगाहें इस छोटे से… Continue reading सोशल मीडिया से बचपन बचाने की चुनौती

खानपान में मिलावट, गिरावट का संकट!

भारत में सचमुच खाद्य मिलावट की समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे ‘धीमी हत्या’ कह रहे हैं। कैंसर, हृदय रोग और किडनी फेलियर जैसी बीमारियों का बढ़ता ग्राफ इसी का नतीजा है। लेकिन हम कितने प्रभावित होंगे? समस्या कितनी गंभीर है? और सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए?… यूरोपीय संघ ने… Continue reading खानपान में मिलावट, गिरावट का संकट!

भारत में मुसलमान ज्यादा सुरक्षित

भारत में सभी प्रकार के मुसलमानों को समान और कुछ मामलों में अधिक संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। देश में लगभग 22 करोड़ मुसलमान हैं। पिछले सात दशक में उनकी आबादी सर्वाधिक— सात गुना से अधिक बढ़ चुकी है। अगर भारत सच में मुसलमानों के लिए ‘असुरक्षित’ है, उनकी आबादी कैसे बढ़ी? क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी… Continue reading भारत में मुसलमान ज्यादा सुरक्षित

नई सुरक्षा रणनीति और ट्रंप के दिवास्वप्न

ट्रंप के अनुयायी और अर्जेंटीना के धुर-दक्षिणपंथी राष्ट्रपति हैवियर मिलेय ने कुछ समय पहले कहा था कि दुनिया आज एक अलग ढांचे की ओर बढ़ रही है, जिसमें अमेरिका, रूस और चीन के नेतृत्व में अलग-अलग गुट होंगे। ट्रंप समझते हैं कि उस विश्व व्यवस्था में संयुक्त राज्य का समूह अमेरिका महाद्वीप है। ट्रंप प्रशासन… Continue reading नई सुरक्षा रणनीति और ट्रंप के दिवास्वप्न

विपक्ष अपनी हार का खुद जिम्मेदार है

अब तक हजारों ईवीएम मशीनों के वोट का मिलान वीवीपैट की पर्चियों के साथ किया गया है और अपवाद के लिए भी एक गड़बड़ी नहीं मिली है। ये वीवीपैट मशीनें रैंडम चुनी जाती हैं और आज तक एक भी गड़बड़ी नहीं मिली है इसका मतलब है कि इससे मतदान सौ फीसदी सुरक्षित है। फिर भी… Continue reading विपक्ष अपनी हार का खुद जिम्मेदार है

मानव-मन की अदृश्य दरारें दर्शाता ‘धुरंधर’

फ़िल्म का सबसे बड़ा जोखिम उसका 214 मिनट का रनटाइम है। यह धैर्य मांगती है, और सामान्य दर्शक के लिए यह चुनौती है। कुछ सबप्लॉट्स, विशेषकर दूसरे हिस्से में, कहानी को भारपूर्ण बनाते हैं। कुछ दर्शकों को यह फिल्म अपने राजनीतिक स्वर में अत्यधिक स्पष्ट और कभी-कभी जिद्दी भी प्रतीत हो सकती है। आज के… Continue reading मानव-मन की अदृश्य दरारें दर्शाता ‘धुरंधर’

नरेंद्र भाई के पसारे बादलों को चीरते राहुल

आपने नरेंद्र भाई के विदेश भ्रमण पर कभी शोरशराबा नहीं सुना होगा। मगर राहुल सामान्य विमान सेवाओं की उड़ानों से भी कांग्रेस के कामकाज संबंधी या निजी विदेश यात्राएं कर लें तो हंगामा बरपने लगता है। अगर नरेंद्र भाई लोकसभा में 240 सदस्यों वाले राजनीतिक दल के नेता हैं तो राहुल की कांग्रेस के पास… Continue reading नरेंद्र भाई के पसारे बादलों को चीरते राहुल

प्रबंध के घमंड की वजह से इंडिगो संकट !

सवाल है जब डीजीसीए ने सभी ऑपरेटरों को नए नियमों का अनुपालन करने के लिए पर्याप्त समय दिया था, तो इंडिगो ने उन्हें नजरअंदाज करने व लापरवाही का रवैया क्यों अपनाया? इंडिगो का नए एफडीटीएल नियमों को नजरअंदाज करने का तरीका भी जेट एयरवेज की याद दिलाता है, जो इसी तरह के घमंड के चलते… Continue reading प्रबंध के घमंड की वजह से इंडिगो संकट !

एआई की दौड़ में भारत फिसड्डी है!

भारत की एआई दौड़ से बहिष्कृति एक गहरी संरचनात्मक विफलता की निशानी है—एक ऐसी तकनीकी खाई जिसे बिना क्रांतिकारी बदलाव के पाटना लगभग असंभव लगता है। सच्चाई यह है: भारत इस दौड़ में शामिल ही नहीं हो सकता। सेमीकंडक्टर और एआई जैसी नई मूलभूत तकनीकों में भारत छह पीढ़ियों से पिछड़ा हुआ है। हर साल… Continue reading एआई की दौड़ में भारत फिसड्डी है!

जरूरी है इस्लाम के ‘जिहाद’ और ‘जुल्म’ को जानना

जिहाद हिंसक और अहिंसक दोनों तरह का हो सकता है। परन्तु हिंसा, मौखिक और शारीरिक दोनों ही उस का प्रमुख औजार रहा है। बिना जिहाद और हिंसा के मुहम्मद पूरी तरह विफल रहते हुए गुजर गये होते। मुहम्मद का सब से बड़ा आविष्कार जिहाद था। यही बाद में, मदीना से उन के सफल होने का… Continue reading जरूरी है इस्लाम के ‘जिहाद’ और ‘जुल्म’ को जानना

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