हिन्दू नेता अतीत-जीवी हैं

पिछले पचास वर्षों से देसी भारतीय नेताओं के पास केवल दलीय लड़ाई, गद्दी छीन-झपट की तिकड़में भर हैं। एक-दूसरे के प्रति द्वेष, झूठे-सच्चे आरोपों की पोटली है। उसी से लोगों को उकसाना और वोट-बटोरन मंसूबे ही उन की फुलटाइम चिन्ता दिखती है।… नेताओं का परनिंदक, शेखीबाज, और अतीतजीवी होना हिन्दू समाज की असमर्थता का संकेत… Continue reading हिन्दू नेता अतीत-जीवी हैं

संसद अमेरिका की और भारत की, इतना फर्क!

किसी भी लोकतंत्र में, सत्ता में कोई भी पार्टी क्यों न हो, ऐसे अधिकारियों को बुलाने, उन्हे जवाबदेह बनाने के कई लाभ हैं। सबसे पहले, यह जवाबदेही सुनिश्चित करता है। चुने हुए प्रतिनिधि कार्यकारी अधिकारियों से सवाल कर सकते हैं, जो जनता की ओर से होता है। इससे भ्रष्टाचार, दुरुपयोग या नीतिगत असफलताओं पर रोशनी… Continue reading संसद अमेरिका की और भारत की, इतना फर्क!

वंदे मातरम्- विरोध के मजहबी कारण झूठे

भारतीय उपमहाद्वीप में जो मुस्लिम समूह ‘वंदे मातरम्’ के विरोध के पीछे मजहबी कारणों का हवाला देता है, वह वास्तव में भ्रामक और झूठा है। विश्व के इस क्षेत्र में मुसलमानों का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान को इस्लामी पहचान का प्रतीक मानता है। परंतु पाकिस्तान न तो इस्लाम का रक्षक है, न ही ‘उम्माह’ के… Continue reading वंदे मातरम्- विरोध के मजहबी कारण झूठे

गैर-बराबरी रोग है या लक्षण?

गैर-बराबरी पर गंभीरता से विचार करने के क्रम में पहला सवाल यह सामने आता है कि यह अपने-आप में एक समस्या है या मौजूदा आर्थिक का लक्षण भर है? मुद्दा यह है कि अगर उत्पादन के साधनों पर कुछ व्यक्तियों या व्यक्ति-समूहों का नियंत्रण रहेगा, तो यह कैसे संभव है कि उत्पादन से उत्पन्न धन… Continue reading गैर-बराबरी रोग है या लक्षण?

आधी रात को बिल पास करने का चलन

ऐसा लग रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को आधी रात तक या उसके बाद भी संसद चलाने का चस्का लग गया है। बहुत पहले आधी रात को संसद का सत्र बुला कर वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी कानून पास किया गया था। यह 2017 की बात है। उसके बाद इस साल… Continue reading आधी रात को बिल पास करने का चलन

विकसित भारत- जी राम जी!

जी राम जी को विकसित भारत के लिए विकसित ग्रामीण व्यवस्था तैयार करने के स्पष्ट उद्देश्य से लाया गया है। विपक्षी पार्टियों और आलोचकों को इस पर अमल का इंतजार करना चाहिए तब उनको वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगेगा। जहां तक तकनीक के ज्यादा इस्तेमाल का आरोप है तो यह समझने की जरुरत है कि… Continue reading विकसित भारत- जी राम जी!

सर्दियों में तब खेलकूद बंद रखे?

लखनऊ में जो हुआ उसको दिल्ली सरकार के धुंआसे व कुहासे से समझते हैं। दो महीने से दिल्ली में वायु गुणवत्ता के लगातार गिरने, और सूचकांक के तेजी से बढ़ने की खबरें आ रही थीं। ऐसे में सरकार के कुछ न कर पाने का खामियाजा दिल्ली के स्कूल और उसमें पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना… Continue reading सर्दियों में तब खेलकूद बंद रखे?

बॉन्डी बीच हमला और एक बहादुर इंसान

अहमद की यह वीरता इसलिए और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हमला इस्लामिक स्टेट की विचारधारा से प्रेरित था और अहमद खुद एक मुस्लिम हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। यह घृणा और हिंसा की विचारधारा है, जो किसी भी समुदाय को निशाना बना सकती है, लेकिन साहस और मानवता… Continue reading बॉन्डी बीच हमला और एक बहादुर इंसान

बदलती दुनिया में बेगाना होता भारत

भारत के लिए अमेरिकी नीति का बदलाव असहज समय में आया है। आज वाशिंगटन यह नहीं पूछता कि आप कौन हैं या आप क्या मानते हैं। वह सिर्फ़ यह पूछता है कि आप क्या करके दिखा सकते हैं।.. वाशिंगटन, ब्रसेल्स और टोक्यो जैसे राजनयिक गलियारों में भारत को अब एक ऐसे देश के रूप में… Continue reading बदलती दुनिया में बेगाना होता भारत

भारत को फिर चाहिए अपनी नैतिक ऊँचाई

हिंदुओं को दुनिया भर में सम्मान उनके उदात्त मूल्यों—सहिष्णुता, अहिंसा और ज्ञान—के कारण मिला। उपनिषदों से गांधी तक का बौद्धिक व नैतिक सफर भारत की आत्मा का प्रतिनिधि रहा है। वही नैतिक ऊँचाई अब धुंधला गई है।… अंतरराष्ट्रीय मीडिया अब हिंदू धर्म को आक्रामकता के प्रतीक के रूप में चित्रित करता है। अगर हिंदू धर्म… Continue reading भारत को फिर चाहिए अपनी नैतिक ऊँचाई

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