आँकड़े “पकाने” से फूला है जीडीपी गुब्बारा!

भारत ने 2015 से जीडीपी (GDP) के आँकड़े “पकाने” शुरू किए और लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर तक उन्हें फुला दिया। जबकि नोटबंदी एक आर्थिक आपदा थी। … 2019 में अरविंद सुब्रमणियन, जो भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं, ने कहा था कि 2015 में आँकड़ों की पद्धति बदलने से 2011–17 के बीच विकास… Continue reading आँकड़े “पकाने” से फूला है जीडीपी गुब्बारा!

स्वच्छ ऊर्जा बाजार में चीन का एकाधिकार बना!

पिछले 15 वर्षों में चीन ने बिजली उत्पादन में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। यह आंकड़ा महत्वपूर्ण है क्योंकि एआई जैसी उभरती तकनीकें बिजली पर निर्भर हैं। चीन का स्वच्छ ऊर्जा निवेश न केवल पर्यावरण ग्लोबल साउथ’ रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक दक्षिण के 70 प्रतिशत सौर-पवन संसाधन चीन की रणनीति से जुड़ रहे… Continue reading स्वच्छ ऊर्जा बाजार में चीन का एकाधिकार बना!

अनंत रूपा और अनंत सामर्थ्य संपन्ना शक्ति

भारतीय संस्कृति ने प्रकृति को शक्ति माना और देवी की तरह पूजनीय स्थान दिया। यह शक्ति शाश्वत और सक्रिय है। वैदिक वचनों और संहिताओं में इसका उल्लेख है, और इसे ब्रह्म की गति और अभिव्यक्ति कहा गया है। यही परम सत्य है, जो ऋग्वेद से लेकर परमाणु की ऊर्जा तक विद्यमान है। मान्यता है कि… Continue reading अनंत रूपा और अनंत सामर्थ्य संपन्ना शक्ति

‘सामाजिक न्याय’ के पीछे मतांतरण का खेल

जातियों को वर्ण की अभिव्यक्ति से जोड़ना मूर्खता है। श्रीभगवद्गीता में श्रीकृष्ण, अर्जुन को संदेश देते हुए वर्ण को इस प्रकार परिभाषित करते हैं, ‘चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागश:’ (4:13) अर्थात मेरे द्वारा गुण और कार्य के आधार पर चार वर्णों की रचना की गई है। सच यह है कि औपनिवेशिक और वामपंथी समूह जानबूझकर इस… Continue reading ‘सामाजिक न्याय’ के पीछे मतांतरण का खेल

ये जो अमेरिका का नजरिया है!

भारत का व्यापार वार्ता में आगे बढ़ना तब तक नामुमकिन है, जब तक भारत सरकार अपनी आबादी के एक बहुत बड़े हिस्से के हितों की बलि चढ़ाने और अपनी संप्रभुता पर समझौता करने के लिए राजी ना हो जाए। ट्रंप प्रशासन के सामने ऐसा कोई बुनियादी मुद्दा नहीं है, मगर टैरिफ और ट्रेड वॉर के… Continue reading ये जो अमेरिका का नजरिया है!

सिक्किम में भी मन रहा सेवा का पखवाड़ा

राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर और मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत घी के 75 दीये जला कर हुई। हजारों लोगों की मौजूदगी में सिक्किम की महान संस्कृति की झलक दिखाने वाले कार्यक्रम हुए और ‘स्वच्छता ही सेवा 2025’ का शुभारंभ हुआ।…..सिक्किम सरकार ने वास्तविक अर्थों में इस अवसर को सेवा और संकल्प का… Continue reading सिक्किम में भी मन रहा सेवा का पखवाड़ा

“द कॉन्ज्यूरिंगः लास्ट राइट्स”

‘द कॉन्ज्यूरिंग: लास्ट राइट्स’ एक साधारण हॉरर फिल्म नहीं है। यह डर और संवेदना का ऐसा मिश्रण है, जो दर्शक को केवल सिहरन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अनुभव भी देकर जाता है। ये फ़िल्म ऐसे दर्शकों को अधूरी लग सकती है जिन्हें हॉरर फिल्मों में लगातार डरावने दृश्यों की उम्मीद रहती है।”द कॉन्ज्यूरिंगः लास्ट राइट्स”… Continue reading “द कॉन्ज्यूरिंगः लास्ट राइट्स”

बस, आ पहुंचे हैं, चार क़दम अब चलना है

यह हमारी राजनीतिक-सामाजिक-सांस्कृतिक यात्रा के संक्रमण काल का चरम है। इस दौर के उस पार एक मुकद्दस आसमान हमारा इंतज़ार कर रहा है। बस, आ पहुंचे हैं, दूर नहीं कुछ, चार क़दम अब चलना है। जो लोग नरेंद्र भाई मोदी के आजीवन सत्तासीन बने रहने में यक़ीन करते हैं, वे चंद महीनों बाद अपना माथा… Continue reading बस, आ पहुंचे हैं, चार क़दम अब चलना है

चेते, सड़क सुरक्षा में लापरवाही छोड़े

नियम अवहेलना से दुर्घटनाएं बढ़ती हैं, सेवाओं की कमी से मौतें। समाधान? पहला, आपातकालीन सेवाओं को मजबूत करें हर 10 किमी पर ट्रॉमा सेंटर हों। एकीकृत हेल्पलाइन ‘112’ को मजबूत बनाया जाए। दूसरा, शिक्षा, स्कूलों में ट्रैफिक जागरूकता अभियान चलाए जाएँ। तीसरा, प्रवर्तन, पुलिस भर्ती बढ़ाएं, ई-मॉनिटरिंग लागू करें, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे। चौथा, बुनियादी… Continue reading चेते, सड़क सुरक्षा में लापरवाही छोड़े

ज्ञानवान होना ही मोक्ष की परम प्राप्ति

भारतीय परंपरा में जीवन में ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास चारों ही आश्रम आवश्यक, महत्वपूर्ण और श्रमशील, कर्मप्रधान माने गये हैं। गृहस्थ सत्य है। सन्यास भी सत्य है। जीवन के दो पक्ष हैं। संसार के भोगों से पूर्वजन्म में ही निवृत्ति प्राप्त कर लेने वाला व्यक्ति इस जन्म में इस ओर रुचि नहीं रखता। लेकिन… Continue reading ज्ञानवान होना ही मोक्ष की परम प्राप्ति

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