कांग्रेस, राजद ने फिर फैलाया रायता!

मुख्य जिम्मेदारी कांग्रेस की थी। हमेशा राष्ट्रीय पार्टी की होती है। आरजेडी पर आरोप लगाना आसान है। मगर वह मेन प्लेयर है। उस पर उम्मीदवारों का ज्यादा दबाव था। कार्यकर्ता भी उसके पास ज्यादा हैं तो उम्मीदवार भी। और पिछले दो चुनावों से वह सबसे ज्यादा सीटें भी जीत रही है। पिछली बार 2020 में… Continue reading कांग्रेस, राजद ने फिर फैलाया रायता!

‘स्वदेशी’ कैसे हमारा जमीनी आंदोलन बने?

दीवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए गणेश-लक्ष्मी जी के विग्रह अब चीन से ही बन कर आते हैं। पटाखे और बिजली की लड़ियाँ भी अब चीन से ही आती हैं। इसी तरह राखियां, होली के रंग पिचकारी, जन्माष्टमी के लड्डू गोपाल व अन्य देवताओं के विग्रह भी वामपंथी चीन बना कर भेज रहा है, जो… Continue reading ‘स्वदेशी’ कैसे हमारा जमीनी आंदोलन बने?

भूदेवी, लक्ष्मी और लोकदेवी

दीपावली के अवसर पर पूजी जाने वाली लक्ष्मी भी मूलतः वेदकालीन देवी हैं, पर समय ने उनके स्वरूप को इतना बदल दिया कि उनका वैदिक रूप लगभग भुला दिया गया।….जब दीपावली की रात्रि में हम लक्ष्मी-पूजन करते हैं, तो वस्तुतः हम पृथ्वी को प्रणाम कर रहे होते हैं। मिट्टी के कुल्हड़ों में खील-लाई रखकर, दीप… Continue reading भूदेवी, लक्ष्मी और लोकदेवी

दीपावली है सत्य, शुद्धि, प्रकाश का पर्व

स्कन्द पुराण कहता है कि दीपक सूर्य का अंश है; इसलिए हर दीप जलाना सूर्य की ज्योति को अपने जीवन में उतारने का संकल्प है। यही “आत्मदीपो भव” — स्वयं को प्रकाशमान बनाने की साधना है। भारतीय जीवन में अग्नि और प्रकाश को सदा दिव्यता का प्रतीक माना गया है। दीपावली उसी वैदिक भावना की… Continue reading दीपावली है सत्य, शुद्धि, प्रकाश का पर्व

बिहार ‘जंगल राज’ की ओर नहीं लौटेगा!

बिहार विधानसभा चुनाव को ‘मदर ऑफ ऑल इलेक्शन’ कहा जाता है। इसका कारण यह है कि सबसे ज्यादा राजनीतिक प्रयोग बिहार में होते हैं। सबसे ज्यादा नारे बिहार में गढ़े जाते हैं और सबसे सघन प्रचार व लोगों की सहभागिता बिहार के चुनाव में होती है। यह संयोग है कि इस बार बिहार का विधानसभा… Continue reading बिहार ‘जंगल राज’ की ओर नहीं लौटेगा!

धर्मराज, मुक्ति और शक्ति का त्रिवेणी पर्व

कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी एक ऐसा बहुआयामी पर्व है, जो कर्म के सिद्धांत (यमराज), न्याय की स्थापना (नरकासुर वध) और शक्ति के आह्वान (काली चौदस) के माध्यम से जीवन की नश्वरता और दिव्यता के बीच संतुलन सिखाता है। यम दीप से लेकर नरकासुर की पराजय तक हर अनुष्ठान यह संकल्प दोहराता है कि अंधकार कितना भी… Continue reading धर्मराज, मुक्ति और शक्ति का त्रिवेणी पर्व

अमेरिका- चीन का व्यापार युद्ध फिल्म तो अब शुरू हुई है!

यह साफ हो चुका है कि अमेरिका और चीन के बीच होने वाली वार्ताएं महज क्षणिक राहत का जरिया हैं। दोनों देशों के हित इतने अंतर्विरोधी हो गए हैं कि इस व्यापार युद्ध का कोई फौरी समाधान संभव नहीं है। इसका हर नया दौर पिछले दौर की तुलना में अधिक गंभीर रूप में सामने आ… Continue reading अमेरिका- चीन का व्यापार युद्ध फिल्म तो अब शुरू हुई है!

आखिर अफगानिस्तान और पाकिस्तान में क्यों ठनी?

संकट पाकिस्तान के डीएनए में छिपा है। अपने पिछले लेखों में मैंने स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान न तो सचमुच कोई इस्लामी देश है और न ही उसका भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमानों से कोई सरोकार। पश्चिमी शक्तियों ने उसे अपनी राजनीतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया था और वह आज भी उसी भूमिका… Continue reading आखिर अफगानिस्तान और पाकिस्तान में क्यों ठनी?

“वन बैटल आफ़्टर अनदर”

फ़िल्म की कहानी एक पूर्व क्रांतिकारी, बॉब (लियोनार्डो डिकैप्रियो), की है जो अपनी बेटी विला (चेस इंफिनिटी) की तलाश में एक खतरनाक यात्रा पर निकलता है। फिल्म की पटकथा और निर्देशन में एंडरसन ने राजनीतिक विद्रोह, परिवारिक संबंधों और व्यक्तिगत संघर्षों को बखूबी प्रस्तुत किया है। इसमें हास्य और गंभीरता का संतुलन अद्वितीय है, जो… Continue reading “वन बैटल आफ़्टर अनदर”

स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि

पौराणिक मान्यतानुसार धनतेरस को स्वास्थ्य के देवता का दिवस माने जाने के कारण आरोग्य, स्वास्थ्य, आयु और तेज के आराध्य देवता भगवान धन्वंतरि से धनतेरस के दिन ॐ धन्वंतरये नमः आदि मन्त्रों से प्रार्थना किये जाने की पौराणिक परिपाटी है। इस दिन समस्त जगत को निरोग कर मानव समाज को दीर्घायुष्य प्रदान करने की विनती… Continue reading स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि

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