जैसलमेर के रेगिस्तान में सैन्य क्षमता का जबरदस्त प्रदर्शन

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भारतीय सेना ने जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाके में जबरदस्त सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया है। यहां ड्रोन, मानवरहित प्रणालियां, एंटी-ड्रोन सिस्टम तथा इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर ग्रिड का प्रदर्शन किया गया।  

भारत में बने ये स्वदेशी हथियार व प्रौद्योगिकी ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को सशक्त बनाते हैं। यहां ‘एक्सरसाइज अखंड प्रहार’ के अंतर्गत कोणार्क कोर की पूर्ण स्पेक्ट्रम युद्ध क्षमता का सफल परीक्षण किया गया। इसमें थलसेना की विभिन्न शाखाओं और सेवाओं का समन्वित संचालन शामिल था। 

इसमें मैकेनाइज्ड और इन्फैंट्री युद्धाभ्यास, ‘रुद्र ब्रिगेड’ द्वारा भूमि अभियानों का निष्पादन, स्पेशल हेलिबोर्न ऑपरेशन्स तथा आर्मी एविएशन के अटैक हेलीकॉप्टर मिशनों का समन्वय किया गया। इस दौरान भारतीय थलसेना और भारतीय वायुसेना के बीच निर्बाध तालमेल का उत्कृष्ट प्रदर्शन देखने को भी मिला। 

गुरुवार को भारतीय सेना ने बताया कि यहां वायुसेना के फाइटर ग्राउंड अटैक मिशन ने थलसेना की अग्रिम टुकड़ियों को नजदीकी हवाई स्पोर्ट किया। इस अभ्यास में स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में परीक्षण किया गया। 

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इस अभ्यास ने स्वदेशी सैन्य प्रौद्योगिकियों के लिए एक महत्वपूर्ण रियल-टाइम प्लेटफॉर्म के रूप में भी कार्य किया। ‘अखंड प्रहार’ अभ्यास ने कोणार्क कोर की आधुनिक, फुर्तीली और नेटवर्क-सक्षम क्षमता को उजागर किया है।

इसने रूपांतरण की दिशा में उसकी भविष्य-तत्परता को और दृढ़ किया। साथ ही भी स्पष्ट किया कि वह सेना अब और तेज गति वाले अभियानों के लिए तैयार है। अभ्यास के समापन पर आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने सभी प्रतिभागी सेनानियों, गठन एवं इकाइयों की पेशेवर दक्षता, नवाचार और संयुक्त परिचालन उत्कृष्टता की सराहना की। 

उन्होंने कहा कि यह अभ्यास दक्षिणी कमान की साझेदारी, तकनीकी आत्मसात और परिचालन उत्कृष्टता की भावना को मूर्त रूप देता है। सेना का मानना है कि ‘एक्सरसाइज अखंड प्रहार’ ने भारतीय थलसेना की परिचालन उत्कृष्टता, संयुक्त बल एकीकरण और सटीक युद्ध क्षमता के प्रति प्रतिबद्धता की पुन पुष्टि की है। 

भारतीय थलसेना की दक्षिणी कमान ने त्रि-सेवा अभ्यास ‘त्रिशूल’ के तहत रेगिस्तानी क्षेत्र में ‘एक्सरसाइज अखंड प्रहार’ का सफल आयोजन किया है। इस महाअभ्यास के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिणी कमान ने कोणार्क कोर की परिचालन तत्परता की समीक्षा की। 

Pic Credit : ANI


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