यह आखिरी प्रयास हो सकता है। लेकिन भाजपा की ओर से जोर शोर से किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी मणिपुर में सरकार बनाने का प्रयास कर रही है। उसके 30 विधायक दिल्ली में हैं। शनिवार को ही ये विधायक दिल्ली पहुंच गए थे। दिल्ली आने वाले विधायकों में सिर्फ मैती नहीं हैं, बल्कि कुकी इलाकों से जीते विधायक भी हैं। ये विधायक भी चाहते हैं कि राज्य में लोकप्रिय सरकार का गठन हो। मणिपुर में मुख्यमंत्री बनने की आस लगाए तमाम नेता भी दिल्ली पहुंच गए हैं या पहुंचने वाले हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों पूर्वोत्तर के भाजपा प्रभारी संबित पात्रा ने मणिपुर का दौरा किया था। संघ के बड़े पदाधिकारी भी मणिपुर गईं और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी मणिपुर का दौरा हुआ।
इस बीच खबर आई कि कुकी और मैती के बीच बनी दूरी को मिटाने और अविश्वास कम करने का प्रयास शुरू हो गया है। कई मैती विधायकों ने कुकी बहुल इलाकों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की। इसके बाद ही विधायकों को दिल्ली बुलाया गया। जानकार सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है। गौरतलब है कि मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। 13 अगस्त को इसे छह महीने के लिए फिर बढ़ाया गया। अब 13 फरवरी 2026 को इसकी अवधि पूरी हो रही है। सरकार उसे आगे नहीं बढ़ाना चाहती है। या तो उससे पहले सरकार का गठन होगा या विधानसभा भंग होगी। विधानसभा भंग हुई तब राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ेगी लेकिन अप्रैल में पांच राज्यों के साथ मणिपुर का चुनाव भी हो जाएगा।
