नवजोत सिंह सिद्धू का राजनीतिक करियर मुश्किल में है। वे न तो सांसद हैं और न विधायक और न कांग्रेस पार्टी में उनके पास कोई पद या जिम्मेदारी है। कांग्रेस चाहती तो उनको जैसे ऊर्जावान नेता को प्रदेश या केंद्रीय संगठन में प्रभावी तरीके से इस्तेमाल कर सकती थी। रवनीत सिंह बिट्टू के भाजपा में जाने के बाद कांग्रेस को एक प्रभावशाली सिख चेहरे की जरुरत दिल्ली, हरियाणा और पंजाब तीनों की राजनीति के लिए चाहिए। लेकिन कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू को बर्फ में डाल दिया, जिसे पंजाबी में खुड्डे लाइन लगाना कहते हैं। ध्यान रहे भाजपा में थे तो सिद्धू तीन बार सांसद बने और भाजपा से उनकी पत्नी नवजोत कौर विधायक भी बनीं। कांग्रेस में गए तो सिद्धू एक बार विधायक बन पाए हैं। बाकी नवजोत कौर का राजनीतिक करियर भी डूब गया।
अब नवजोत कौर ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री का चेहरा बना कर चुनाव लड़े तो उसको फायदा होगा। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह जोड़ दिया कि उनके पास पांच सौ करोड़ रुपए नहीं हैं। अगर होते तो वे सीएम के दावेदार बन जाते। उनके इस बयान पर विवाद छिड़ा है। भाजपा पूछ रहा है कि पांच सौ करोड़ रुपए का बैग कांग्रेस में किसको देना होता कि सिद्धू सीएम पद के दावेदार बन जाते? कांग्रेस के जानकार नेताओं का कहना है कि इस बयान के बाद पार्टी में नवजोत सिंह सिद्धू के लिए बची खुची संभावना भी समाप्त हो गई है। वैसे भी प्रियंका गांधी वाड्रा जिन नेताओं को पार्टी में लाती हैं उनके लिए कुछ ज्यादा मुश्किल रहती है। बिहार में पप्पू यादव इसी संकट से गुजर रहे हैं।
