ढाका/नई दिल्ली। बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी, बीएनपी की प्रमुख खालिदा जिया का मंगलवार सुबह छह बजे ढाका में निधन हो गया। वे 80 साल की थीं और पिछले करीब 20 दिनों से वेंटिलेटर पर थीं। खालिदा जिया कई साल से सीने में इन्फेक्शन, लिवर, किडनी, डायबिटीज, गठिया और आंखों की परेशानी से जूझ रहीं थीं। उनको इलाज के लिए लंदन ले जाने की तैयारी हुई थी लेकिन समय पर एयर एंबुलेंस नहीं मिल पाने के कारण उन्हें नहीं ले जाया जा सका और बाद में उनकी सेहत इतनी बिगड़ गई कि वे सफर करने योग्य नहीं रहीं।
खालिदा जिया 1991 से 1996 और 2001 से 2006 तक दो बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं। वे पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं। उनके बीमार होने के बाद उनके 2018 से उनके बेटे तारिक रहमान पार्टी का काम देख रहे थे। हालांकि मुकदमों की वजह से वे लंदन में रह रहे थे। पिछले दिनों 25 दिसंबर को वे 17 साल के बाद लंदन से लौटे हैं।
गौरतलब है कि खालिदा जिया का राजनीतिक जीवन काफी उठापटक भरा रहा। 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना ने उन्हें नजरबंद कर दिया था। वे जुलाई से दिसंबर तक पाकिस्तानी सेना की कैद में रहीं थीं। 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की हार के बाद खालिदा जिया को रिहा किया गया। बाद के सालों में भी उनकी राजनीति टकराव, आंदोलनों और हमलों से घिरी रही। शेख हसीना की सरकार ने भी उनके ऊपर कई मुकदमे किए और वे लंबे समय तक नजरबंद रहीं। 2015 में ढाका में मेयर चुनाव के प्रचार के दौरान उनके काफिले पर गोलीबारी और पत्थरबाजी भी हुई थी, जिसमें वे बाल बाल बचीं थीं। प्रधानमंत्री रहते और बाद में भी उनका रुख भारत विरोधी रहा था। 12 फरवरी के होने वाले आम चुनाव में उनकी पार्टी एक प्रमुख ताकत के तौर पर लड़ेगी।
