नई दिल्ली। अमेरिकी मीडिया हाउस वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन से लगती सीमा पर भारत बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा है। रिपोर्ट में कहा है कि चीन से होने वाले किसी संभावित टकराव को ध्यान में रखते हुए भारत उससे निपटने के लिए सीमा के नजदीक नई सड़कें, सुरंगें और हवाई पट्टियां बना रहा है। इन पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में चीन के साथ गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद इसकी शुरुआत हुई थी। उस झड़प के समय सीमा तक लॉजिस्टिक सपोर्ट यानी अतिरिक्त सैनिकों से लेकर सैन्य साजोसामान और रसद आदि पहुंचाने में आने वाली भारत की कमियां उजागर हुई थीं। उसके बाद ही सीमा पर बुनियादी ढांचे के निर्माण में तेजी आई। ध्यान रहे चीन ने भारत से लगती पूरी सीमा पर ऐसा नेटवर्क बनाया है, जिससे तेजी से उसकी सेना और सामान वहां तक पहुंच सकते हैं।
माना जा रहा है कि सड़क, रेल लाइन और हवाईपट्टी की वजह से कुछ ही घंटों में चीन सीमा पर हर तरह की मदद पहुंचा सकता था। जबकि भारत को उस इलाके में अतिरिक्त सैनिक और सैन्य साजोसामान पहुंचाने में हफ्तों लगते थे। बहरहाल, वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लद्दाख के उत्तरी क्षेत्र में पूर्व ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स प्रमुख मेजर जनरल अमृत पाल सिंह का हवाला दिया है, जिन्होंने कहा कि गलवान की घटना के बाद अपनी पूरी रणनीति बदलने की जरूरत महसूस हुई।
