नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवा को दिल्ली हाई कोर्ट को दो टूक शब्दों में बता दिया कि वह एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी कम नहीं करेगी। सरकार ने कहा कि जीएसटी कम कराने की याचिका के पीछे कोई है। कोई कंपनी अपना एकाधिकार बनाना चाहती है। सरकार ने कहा कि वह किसी के कहने से जीएसटी नहीं घटाएगी। हालांकि याचिका पर सुनवाई करते हुए जीएसटी घटाने की बात खुद हाई कोर्ट ने कही है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी 18 से घटा कर पांच फीसदी करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस विकास महाजन और जस्टिस विनोद कुमार की बेंच ने केंद्र से पूछा कि एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी क्यों नहीं घटा सकते? हाई कोर्ट ने सरकार से कहा, ‘आपको जो भी करना पड़े, कीजिए। फिलहाल एक एयर प्यूरीफायर की कीमत 10 से 15 हजार रुपए है। जीएसटी को एक ऐसे उचित स्तर पर क्यों नहीं लाया जाता, जहां एक आम आदमी भी इसे खरीद सके’?
केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एन वेंकटरमण ने याचिका पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, कोई एयर प्यूरीफायर सेक्टर में मोनोपोली चाहता है। यह जनहित याचिका है ही नहीं। सरकार जानना चाहती है कि इसके पीछे कौन है? इस पर कोर्ट ने कहा, ‘जीएसटी काउंसिल को फैसला लेने में क्या दिक्कत है? आप जो कह रहे हैं, वे भी वही कह सकते हैं’। इसके जवाब में केंद्र ने कहा, ‘इस मामले में संविधान का मुद्दा शामिल है। नियमों के तहत इसमें लंबी प्रक्रिया, लाइसेंसिंग और अन्य औपचारिकताएं शामिल हैं। इससे मुसीबतों का पिटारा खुल जाएगा’। सरकार ने कहा कि काउंसिल की बैठक ऑनलाइन संभव नहीं है।
केंद्र सरकार ने जीएसटी काउंसिल की मीटिंग को लेकर कहा, ‘इसमें एक तय प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया को कैसे दरकिनार किया जा सकता है? हम दो दिन में जवाब नहीं दे सकते। याचिका में कई बातें सोच समझकर रखी गई हैं। इस मुद्दे पर भी हम काउंटर दाखिल करना चाहते हैं। हमें विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए’। केंद्र की दलील पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से 10 दिन में जवाब देने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई नौ जनवरी को होगी।
