नई दिल्ली। पान मसाला जैसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों पर अतिरिक्त सेस लगाने के लिए लाए गए विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई है। सोमवार को राज्यसभा से इस बिल को पास किया गया। इससे पहले पांच नवंबर को लोकसभा ने ध्वनि मत से इस बिल को पास किया था। हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल, 2025 पान मसाला जैसे उत्पादों के निर्माण पर नया सेस लगाने का अधिकार सरकार को देता है।
विधेयक पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा था कि सार्वजनिक स्वास्थ्य राज्य का विषय है और रक्षा केंद्रीय सूची में है। उन्होंने कहा, ‘हमें आज की जरूरतों के अनुरूप रक्षा के लिए संसाधन जुटाने की जरूरत है’। उन्होंने राज्यों को भरोसा दिलाया कि इस सेस से होने वाली कमाई राज्यों के साथ साझा की जाएगी, जिसे वे स्वास्थ्य योजनाओं पर खर्च कर सकेंगे। सीतारमण ने कहा था कि सेस लगाने की संवैधानिक शक्ति अनुच्छेद 270 में निहित है, जो संसद को किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए उपकर लगाने का अधिकार देता है।
वित्त मंत्री ने बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए राज्यसभा में कहा, ‘पहले वाले जीएसटी सिस्टम में शराब, सिगरेट जैसे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों पर बहुत ज्यादा टैक्स लगता था। जीएसटी के साथ एक अलग सेस भी लगता था, जिसकी वजह से कुल टैक्स कई बार 88 फीसदी तक पहुंच जाता था। अब नए जीएसटी सिस्टम में वह अतिरिक्त सेस खत्म कर दिया गया है’। उन्होंने कहा, ‘अब इन सामानों पर सिर्फ जीएसटी लगेगा, और टैक्स की अधिकतम सीमा 40 फीसदी रखी गई है’।
