नई दिल्ली। अमेरिका की ओर से शांति संधि के लिए यूक्रेन पर दबाव डालने और रूस के प्रति अपनी रणनीति बदले जाने के बाद यूरोपीय नेताओं की एक अहम बैठक हुई है। लंदन में यूरोपीय नेता मिले हैं और उन्होंने यूक्रेन का पूरा समर्थन करने का फैसला किया है। इस बैठक में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज शामिल हुए।
इस बैठक में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर ने बहुत साफ शब्दों में कहा कि यूक्रेन का फैसला यूक्रेन ही करेगा। उन्होंने जेलेंस्की से कहा, ‘हम यूक्रेन के साथ खड़े हैं। अगर युद्धविराम होना है तो वह न्यायसंगत और स्थायी होना चाहिए’। उन्होंने दोहराया कि ब्रिटेन युद्ध के दौरान भी यूक्रेन का समर्थन करेगा और शांति वार्ता में भी साथ देगा। दूसरी तरफ जेलेंस्की ने यूरोप, अमेरिका और यूक्रेन के बीच एकता को बेहद जरूरी बताया, ताकि रूस-यूक्रेन युद्ध के अंत को लेकर मजबूत बातचीत हो सके।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने सात दिसंबर को कतर में आयोजित दोहा फोरम में कहा कि जेलेंस्की जान बूझकर जंग खत्म नहीं कर रहे हैं। ट्रंप जूनियर ने चेतावनी देते हुए कहा की ट्रंप यूक्रेन जंग से पूरी तरह पीछे हट सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन के अमीर और भ्रष्ट लोग देश छोड़कर भाग गए हैं, लड़ने के लिए सिर्फ गरीब और आम लोग छोड़ दिए गए हैं। जब तक अमेरिका पैसा देता रहेगा, यूक्रेन शांति नहीं लाना चाहेगा’।
उधर ट्रंप प्रशासन ने नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी की है, जिसमें रूस के प्रति अपना रुख नरम किया है और यूरोप को लेकर कहा है कि उसका वजूद खत्म हो रहा है। इस पर यूरोपीय नेताओं ने विचार किया है। कहा जा रहा है कि वे अमेरिका से उसकी रणनीति बदलवाने के लिए काम करेंगे। गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन यूक्रेन पर अपनी शर्तें थोपना चाहता है। ट्रंप के शांति प्रस्ताव में यूक्रेन पर डोनेट्स्क और लुहांस्क जैसे अपने इलाके छोड़ने और सैनिकों की संख्या घटाने का प्रस्ताव है।
