नई दिल्ली। चीन के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग से मुलाकात की। शंघाई शिखऱ सम्मेलन यानी एससीओ से इतर दोनों नेताओं के बीच दोपक्षीय वार्ता हुई, जो करीब 50 मिनट चली। वार्ता के बाद चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और चीन दुश्मन नहीं, बल्कि साझीदार हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी को भारत आने का न्योता दिया। मोदी ने शी को अगले साल भारत में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए बुलाया। इस तरह करीब सात वर्ष से जमी बर्फ पिघल गई है और भारत व चीन की दोस्ती बहाल हो गई है।
करीब 50 मिनट की दोपक्षीय वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जिनफिंग के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने सीमा पार यानी पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को बढ़ावा देने का बारे में खासतौर से बात की या नहीं। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को वैश्विक मुद्दा बताया और इसके खिलाफ लड़ाई में चीन के साथ देने की मांग की। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत और चीन की सीमा पर सैनिकों के पीछे हटने यानी डिसएंगेजमेंट के बाद शांति बहाल हुई है।
राष्ट्रपति जिनफिंग ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बातचीत में कहा कि चीन और भारत दुश्मन नहीं, बल्कि साझेदार हैं और दोनों देश एक दूसरे के लिए खतरा नहीं विकास के लिए अवसर हैं। राष्ट्रपति शी ने कहा कि जब तक दोनों देश अपने रिश्तों को सुधारने की दिशा में काम करते रहेंगे तब तक हम विकास करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि चीन और भारत को अच्छे पड़ोसी और एक दूसरे की सफलता में मदद करने वाले दोस्त बनना चाहिए।
चीन के शहर तियानजिन में राष्ट्रपति शी और प्रधानमंत्री मोदी की वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि एससीओ सम्मेलन में दोनों नेताओं ने पिछले साल कजान में हुई अपनी बैठक पर बात की और इसे सफल बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच अच्छे संबंध हमारी आर्थिक वृद्धि और दुनिया के लिए अहम हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने तियानजिन में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सचिवालय के सचिव कै क्यू से भी मुलाकात की है।
चीन के राष्ट्रपति के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और चीन के सहयोग से 2.8 अरब लोगों को फायदा होगा और यह पूरी मानवता के कल्याण का रास्ता खोलेगा। उन्होंने कहा कि भारत आपसी विश्वास, सम्मान के आधार पर रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन के लिए चीन की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई दी और चीन आने के निमंत्रण तथा बैठक के लिए धन्यवाद भी दिया।
जिनफिंग के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘पिछले साल कजान में हमारी बहुत उपयोगी चर्चा हुई थी, जिससे हमारे संबंध बेहतर हुए। सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद, शांति और स्थिरता का माहौल बना है’। दूसरी ओर मीटिंग में जिनफिंग ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर खुशी हुई। उन्होंने कहा कि ड्रैगन और हाथी यानी चीन और भारत को साथ आना चाहिए।
