पाकिस्तान की खामख्यालियां

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बेशक, टीटीपी पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती है। उसके अड्डे अफगानिस्तान में हैं। मुमकिन है कि तालिबान सरकार पाकिस्तान की मर्जी के मुताबिक टीटीपी पर कार्रवाई ना कर रही हो। मगर इसका हल सीधे सैन्य कार्रवाई करना नहीं है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर कथानक अपने अनुरूप ढालने में मिली कामयाबी और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मिले महत्त्व से शायद पाकिस्तान के नेतृत्व में खामख्याली पैदा हुई है कि उनका देश अब दक्षिण एवं मध्य एशिया में दादागीरी दिखाने की हैसियत में है। वरना, अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति नाफरमानी दिखाते हुए जिस तरह पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा के अंदर जाकर बमबारी की, वैसा करने से वह बाज आता। सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संभवतः सोचा कि भू-राजनीति ने ऐसा मोड़ लिया है कि अब पाकिस्तान ‘घर में घुस कर’ मार सकता है! यह सोचते वक्त उन्होंने यह आकलन शायद नहीं किया कि संप्रभुता के ऐसे हनन को कोई देश बर्दाश्त नहीं करेगा। तो अफगानिस्तान ने जोरदार जवाब दिया।

खुद पाकिस्तान ने माना है कि अफगान हमले में उसके 23 सैनिक मारे गए। बेशक, तहरीक-ए- तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती है। यह भी साफ  है कि उसके अड्डे अफगानिस्तान में हैं। मुमकिन है कि काबुल पर काबिज तालिबान सरकार पाकिस्तान की मर्जी के मुताबिक टीटीपी पर कार्रवाई ना कर रही हो। मगर इसका हल कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों का उपयोग है, ना कि सीधे सैन्य कार्रवाई कर देना। तालिबान सरकार का दावा है कि वह अपनी जमीन का किसी देश के खिलाफ इस्तेमाल की इजाजत नहीं दे रही है। अभी कुछ ही समय पहले चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर को अफगानिस्तान तक ले जाने पर सहमति बनी थी।

इस तरह इस क्षेत्र में चीन की भूमिका बनी है। पाकिस्तान उसका उपयोग कर सकता था। लेकिन हाल में अमेरिका से मिली अहमियत के बीच पाकिस्तान ने कुछ ऐसे काम भी किए हैं, जो चीन को नागवार गुजरे। उनमें रेयर अर्थ सामग्रियां सप्लाई का अमेरिका से हुआ करार भी है। अब चीन ने इस सामग्रियों से संबंधित जो नए नियम लागू किए हैं, उसके बाद पाकिस्तान के लिए ऐसा करना कठिन हो जाएगा। बहरहाल, हालिया घटनाक्रम ने पाकिस्तानी नेतृत्व की अल्प-दृष्टि और उससे उपजी खामख्यालियों को बेनकाब कर दिया है। इससे पाकिस्तान को अपनी असल ताकत का अहसास हो जाना चाहिए।


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