बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को ऊर्जा विभाग के तहत बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड एवं अनुषंगी कंपनियों में नवचयनित 2390 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इसमें 1810 तकनीशियन, 512 पत्राचार लिपिक तथा 68 भंडार सहायक कर्मी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रूप से तीन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विश्वास जताते हुए कहा कि पूरी मेहनत और लगन से आप लोग काम करेंगे तथा बिहार को और आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि हम लोगों के द्वारा शुरू से ही युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। अगले पांच वर्षों में एक करोड़ नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
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कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष राज्य में पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट के लिए इकरारनामे पर हस्ताक्षर भी किया गया। राज्य में ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिहार सरकार द्वारा पम्प स्टोरेज पॉलिसी-2025 लागू की गई है। इस नीति के आधार पर बिहार स्टेट पॉवर जेनेरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा दो एजेंसियों का चयन किया गया है। ये दोनों परियोजनाएं नवादा जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में प्रस्तावित हैं, जहां प्राकृतिक ऊंचाई का अंतर पम्प स्टोरेज व्यवस्था के लिए अनुकूल है।
इन दोनों परियोजनाओं से राज्य में 13 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। परियोजना के निर्माण चरण में लगभग आठ हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के पूर्व विद्युत भवन स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली।
बताया गया कि बिहार राज्य में सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को निरंतर एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य एवं राज्य के बाहर कार्यरत विद्युत उत्पादन केन्द्रों, संचरण कंपनियों एवं वितरण कंपनियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर की स्थापना की गई है। पूर्वी क्षेत्र में बिहार इस प्रकार की व्यवस्था लागू करने वाला प्रथम राज्य है।
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