रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर दिए हालिया बयान पर विपक्ष हमलावर है। बुधवार को समाजवादी पार्टी, कांग्रेस समेत कई नेताओं ने राजनाथ सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश बताया।
समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “वह बहुत सीनियर और अनुभवी नेता हैं, और वह देश के रक्षा मंत्री हैं। मैं उनसे बस इतना ही कहूंगा कि कम से कम, अग्निवीर जैसी योजनाएं, जो हमारे सैनिकों को अस्थाई नौकरियां देती हैं, उन्हें खत्म करके उन्हें परमानेंट नौकरियां दी जानी चाहिए। यह पक्का करना रक्षा मंत्री की पहली जिम्मेदारी है।
सपा सांसद अफजल अंसारी ने कहा, “साठ साल बाद उस घटना के बारे में बात करना और एक नया विवाद खड़ा करना करने को किसने कहा? राजनाथ सिंह इसपर सवाल क्यों उठा रहे हैं? ऐसा लगता है कि यह जनता से जुड़े मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश है। साठ साल बाद यह जनता की चिंता का विषय नहीं है।
सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी ने साबित कर दिया है कि वह हमेशा झूठ बोलती है और सिर्फ झूठ बोलती है। झूठ के अलावा उनके पास कोई और एजेंडा नहीं है।
Also Read : सोहा अली खान ने पोस्ट किया वर्कआउट वीडियो
राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, “अगर अमित शाह ने ऐसा कहा होता, तो मुझे बुरा नहीं लगता। लेकिन यह राजनाथ सिंह को भी ऐसी बातें कहनी पड़ रही हैं; यह मेरे लिए दुख की बात है।
टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने कहा, “राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री के तौर पर एक जिम्मेदार पद पर हैं, और जब ऐसे पद पर कोई गलत बयान देता है, तो यह अच्छा नहीं लगता। मैं उनसे कहूंगा कि या तो सबूत पेश करें, माफ़ी मांगें, या इस्तीफा दें।
इससे पहले कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने निशाना साधते हुए कहा था कि हमारे पास जो दस्तावेज मौजूद हैं, उसके हिसाब से सरदार पटेल आरएसएस पर नफरत की राजनीति करने के लिए बैन लगाना चाहते थे। अगर कुछ साल और जिंदा रहते तो ऐसी स्थिति कभी नहीं आती।
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान में दावा किया था कि ‘नेहरू बाबरी मस्जिद के लिए पब्लिक फंड का इस्तेमाल करना चाहते थे।
Pic Credit : ANI
