इस बात का इंतजार छह दिसंबर से हो रहा था कि कब भारतीय जनता पार्टी सामने आकर तृणमूल से निकाले गए विधायक हुमायूं कबीर से बाबरी मस्जिद बनवाने पर बयान देती है। पार्टी अब खुल कर इसके विरोध में आ गई है। भाजपा के नेता अर्जुन सिंह खुल कर कहा है कि इस बाबरी मस्जिद का भी वही हस्र होगा, जो अयोध्या वाली मस्जिद का हुआ था। ध्यान रहे भाजपा अगर मैदान में उतर कर हुमायूं कबीर का विरोध नहीं करती तो बाबरी मस्जिद का मुद्दा नहीं बनने जा रहा था। इस पर राजनीति तभी तेज हो सकती थी जब भाजपा भड़काऊ बयान दे और दूसरी तरफ से भी मैचिंग बयानबाजी हो।
इसके बगैर तो मुर्शिदाबाद में बेलडांगा में मस्जिद बनने का कोई खास राजनीतिक मतलब नहीं था। गौरतलब है कि इस मस्जिद का निर्माण रूकवाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोई भी व्यक्ति, जिसके पास जमीन है और वह उस जमीन पर मस्जिद बनवाना चाहता है तो उस पर विवाद नहीं हो सकता है। इसलिए हाई कोर्ट ने मस्जिद के शिलान्यास पर रोक नहीं लगाई और राज्य सरकार को सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया। बाबरी मस्जिद नाम पर भी कोई आधिकारिक आपत्ति नहीं हो सकती है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ही अयोध्या में बाबरी मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन दी है। लेकिन अगर भाजपा इसके निर्माण का विरोध करे और इसे तोड़ने की बात कहे तो सांप्रदायिक ध्रुवीकरण तेज होगा।
