लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बुधवार को केंद्रीय सूचना आयुक्त के चयन के लिए हुई तीन सदस्यीय कमेटी की बैठक में शामिल हुए। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ राहुल गांधी शामिल हुए। बंद कमरे में हुई इस बैठक में मुख्य सूचना आयुक्त के साथ साथ आठ अन्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पर विचार किया गया। गौरतलब है कि हीरालाल समारिया का कार्यकाल पूरा होने के बाद सितंबर से मुख्य सूचना आयुक्त का पद खाली है और 10 में से आठ अन्य पद तो 2023 से ही खाली हैं। सूचना आयुक्तों के अलावा एक अन्य पद के लिए भी नियुक्ति कमेटी की बैठक हुई।
इस बैठक में राहुल गांधी आबादी के अनुपात में अधिकारियों की नियुक्ति के अपने एजेंडे पर अड़े। उन्होंने बैठक से पहले ही शॉर्ट लिस्ट किए गए उम्मीदवारों की जातिवार सूची मांगी थी। बैठक में उन्होंने सवाल उठाया कि इसमें ओबीसी, एससी और एसटी नाममात्र के हैं। उनका कहना है कि औपचारिकता निभाने के लिए उनको रखा गया है। राहुल चाहते हैं कि 90 फीसदी सरकारी पद ओबीसी, एससी, एसटी और अल्पसंख्यक को मिले। भले अपनी सरकार में राहुल गांधी ओबीसी, एससी, एसटी और अल्पसंख्यकों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिलवा सके हों लेकिन एनडीए सरकार में वे इसे मुद्दा बना रहे हैं। उन्होंने इसी को आधार बना कर सूचना आयुक्तों को चुनने की बैठक में अपनी लिखित आपत्ति दर्ज कराई।
