हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा केंद्रीय एजेंसियों के शिकंजे में फंसे हैं। कारण राजीव गांधी फाउंडेशन को जमीन देने से लेकर सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को जमीन देने का है। इसके अलावा भी कुछ मामले हैं लेकिन मुख्य रूप से नेहरू गांधी परिवार का ही मामला है। अब कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार भी परिवार से जुड़े मामले में उलझते दिख रहे हैं। वैसे उनकी मुश्किलें पहले से ही बहुत हैं। वे आय से अधिक संपत्ति का मामला झेल रहे हैं और धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी का मामला उनके खिलाफ चल रहा है। इस मामले में वे जेल भी काट चुके हैं। अब ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में उनको नोटिस गया है।
इस बार उनको दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओडब्लु ने नोटिस भेजा है। ईओडब्लु ने डीके शिवकुमार और उनके भाई पूर्व सांसद डीके सुरेश को नोटिस भेजा है। जांच एजेंसी ने दोनों से ‘यंग इंडियन’ को दिए गए पैसे का ब्योरा मांगा है। इसके बारे में पूरी डिटेल मांगी गई है। गौरतलब है कि ‘यंग इंडियन’ में सोनिया और राहुल गांधी की 76 फीसदी हिस्सेदारी है और इसी कंपनी ने ‘नेशनल हेराल्ड’ का प्रकाशन करने वाली संस्था ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ यानी एजेएल का टेकओवर किया है। शिवकुमार और सुरेश से यह भी पूछा गया है कि उन्होंने जो पैसा दिया है उसको अपने आय़कर रिटर्न में किस रूप में दिखाया है। दोनों को 19 दिसंबर तक का समय दिया गया है। 29 नवंबर को भेजे गए नोटिस में उन्हें निजी तौर पर हाजिर होने या विस्तार से जवाब भेजने को कहा गया है। इसका नुकसान है तो फायदा यह है कि शिवकुमार की नेहरू गांधी परिवार से नजदीकी भी स्थापित होती है। क्या पता इसी बहाने वे आगे मुख्यमंत्री बन जाएं!
