मस्कट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ओमान दौरे के दूसरे दिन गुरुवार को दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग का समझौता हुआ। इस यात्रा के दौरान ओमान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दूसरा सर्वोच्च सम्मान दिया। उन्हें सुल्तान हैथम बिन तारिक ने ऑर्डर ऑफ ओमान से सम्मानित किया है। इससे हले दोनों नेताओं ने दोपक्षीय बैठक की।
दोपक्षीय बैठक के बाद भारत और ओमान के बीच व्यापार समझौते पर दस्तखत हुए। भारत ने ओमान के साथ कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट यानी सीईपीए साइन किया है। समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और सेवाएं बढ़ेंगी साथ ही भारतीय सामान ओमान में लगभग ड्यूटी फ्री हो जाएंगे। इस समझौते से सेवाओं और पेशेवरों के लिए नए दरवाजे खुलेंगे। दोनों देशों का व्यापार करीब 96 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
अमेरिकी टैरिफ और यूरोपीय यूनियन के कार्बन टैक्स के दबाव के बीच भारत अपने वैश्विक व्यापार के दायरे को बढ़ा रहा है। ओमान के साथ समझौते से भारत के टेक्सटाइल, फुटवियर, ऑटोमोबाइल, जेम्स एंड ज्वैलरी, रिन्युएबल एनर्जी और ऑटोमोबाइल पार्ट्स जैसे सेक्टर को सीधा फायदा होगा। इस पर नवंबर 2023 में बातचीत शुरू हुई थी और प्रधानमंत्री की तीन देशों की यात्रा शुरू होने से पहले कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी।
बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझौते से पहले कहा कि भारत और ओमान के बीच होने वाला व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता यानी सीईपीए आने वाले कई दशकों तक दोनों देशों के रिश्तों की दिशा तय करेगा। उन्होंने इसे दोनों देशों के साझा भविष्य का खाका बताया। मस्कट में भारत-ओमान बिजनेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने दोनों देशों के मजबूत रिश्तों की तारीफ की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज हम एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला ले रहे हैं, जिसकी गूंज आने वाले कई दशकों तक सुनाई देगी। व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता यानी सीईपीए 21वीं सदी में हमें नया भरोसा और नई ऊर्जा देगा। यह हमारे साझा भविष्य का खाका है। इससे हमारे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, निवेश को नया आत्मविश्वास मिलेगा और हर क्षेत्र में नए अवसरों के दरवाजे खुलेंगे’।
