नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। चुनाव सुधार पर संसद में हो रही चर्चा के पहले दिन मंगलवार को राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सत्ता यानी केंद्र सरकार और चुनाव आयोग में तालमेल है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दोनों मिल कर लोकतंत्र को डैमेज कर रहे हैं। करीब आधे घंटे के अपने भाषण में राहुल ने भाजपा और आरएसएस के ऊपर सभी संस्थाओं पर कब्जा करने का आरोप भी लगाया।
राहुल ने कहा कि आरएसएस और भाजपा देश की संस्थाओं पर कब्जा कर रही हैं। इनमें चुनाव आयोग, ईडी, सीबीआई, आईबी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव आयोग को कंट्रोल और डायरेक्ट कर रही है। इससे लोकतंत्र को नुकसान हो रहा है। राहुल गांधी ने कई सवाल उठाए और सुधारों के लिए कुछ सुझाव भी दिए। मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी चुनाव सुधार पर अपनी बात रखी और कांग्रेस से सहमति जताते हुए कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का तरीका बदला जाए और मतदान ईवीएम की बजाय बैलेट बॉक्स से हो।
चुनाव सुधार पर चर्चा की शुरुआत कांग्रेस के मनीष तिवारी ने की थी।
बहरहाल, राहुल गांधी ने अपने भाषण में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का तरीका बदले जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘सीजेआई को सीईसी की नियुक्ति प्रक्रिया से हटाया गया। मैं बैठा था, एक तरफ पीएम मोदी और अमित शाह बैठे थे और दूसरी तरफ मैं। किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया।‘ उन्होंने कहा, ‘दिसंबर 2023 में नियम बदल यह प्रावधान किया कि किसी भी चुनाव आयुक्त को सजा नहीं दी जा सकती।
यह 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किया गया। सीसीटीवी और डेटा को लेकर नियम बदले गए’। उन्होंने कहा, ‘सत्ता के साथ चुनाव आयोग का तालमेल है। यह डेटा का सवाल नहीं, चुनाव का सवाल है। मेरे पास इसके सबूत हैं। बीजेपी लोकतंत्र को डैमेज करने के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर रही है’।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि मशीन से पढ़ी जा सकने वाली वोटर लिस्ट सभी राजनीतिक दलों को चुनाव से एक महीने पहले दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सीसीटीवी फुटेज मिटाने का नियम भी बदला जाना चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि चुनाव के बाद ईवीएम देखने के लिए दी जाए। उन्होंने कहा, ‘वोट चोरी से बड़ा कोई एंटी नेशनल काम नहीं है। सरकार चुनाव सुधार नहीं चाहती’।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने भी चुनाव आयोग पर सवाल उठाया और कहा कि आयोग निष्पक्ष होकर चुनाव नहीं करा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार और चुनाव आयोग मिलकर एसआईआर के बहाने अंदर ही अंदर एनआरसी वाला काम कर रहे हैं। अखिलेश ना कहा, ‘यूपी के सीएम कह रहे हैं कि हम डिटेंशन सेंटर बना रहे हैं। जो ये खुलकर नहीं कर सकते हैं वो एसआईआर के बहाने कर रहे हैं। एसआईआर वोट डिलीट करने का टूल बनकर रह गया है’।
