चाहिए सतर्क दृष्टि

Categorized as संपादकीय

ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ वॉर में भारत के प्रति कोई नरमी नहीं बरती है। क्या वार्ता के अगले चरण में वह ऐसा करेगा? या भारत अपनी लक्ष्मण रेखाओंएवं विदेश नीति संबंधी संप्रभुता पर समझौता करने पर राजी हो जाएगा?

अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत के अगले दौर के लिए भारतीय दल वॉशिंगटन पहुंच रहा है, तो उसके सामने वही सवाल और चुनौतियां हैं, जिनकी वजह से पिछले पांच दौर की वार्ताओँ में बात आगे नहीं बढ़ी। सवाल है कि क्या भारत व्यापार के साथ-साथ भू-राजनीति संबंधी उन अमेरिकी मांगों पर राजी होगा, जिन्हें डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन टैरिफ वॉर के जरिए पूरा कराना चाहता है? ट्रंप ने यह जताने में कोई कोताही नहीं बरती है कि आयात शुल्क को वे ऐसा हथियार मानते हैं, जिसके उपयोग से वे अपने सारे मकसद साध सकते हैं। भारत खुद उनके इस नजरिए का शिकार बना है। रूस से कच्चा तेल खरीदने के दंड के तौर पर उन्होंने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया हुआ है।

इस तरह ट्रंप ने भारतीय विदेश नीति को अमेरिकी हितों के मुताबिक ढालने का दबाव बना रखा है। व्यापार संबंध में उनका प्रशासन भारत की ‘लक्ष्मण रेखाओं’ (कृषि एवं डेयरी क्षेत्र को अमेरिकी कंपनियों के लिए ना खोलने के निर्णय) को बिल्कुल तव्वजो देने के मूड में नहीं है। एक बड़ी समस्या ट्रंप का अस्थिर स्वभाव भी है। चीन के मामले में जाहिर हुआ कि जो सहमतियां बनीं, उनके खिलाफ जाते हुए ट्रंप प्रशासन ने कुछ ऐसे कदम उठाए, जिससे बात फिर जहां की तहां पहुंच गई। तब चीन ने रेयर अर्थ सामग्रियों के निर्यात को नियंत्रित करने का एलान किया, जिसके परिणामों को समझते हुए अब फिर ट्रंप प्रशासन ने रुख नरम किया है।

बहरहाल, रेयर अर्थ जैसे कुछ क्षेत्रों में अपने लगभग एकाधिकार के कारण चीन जवाबी कदम उठाने की स्थिति में है। भारत के साथ यह सुविधा नहीं है। भू-राजनीतिक मामलों में बेशक भारत के साथ अमेरिका की अपेक्षाकृत अधिक निकटता है, फिर भी ट्रंप प्रशासन ने व्यापार में भारत के प्रति कोई रियायत नहीं बरती है। तो मुद्दा है कि क्या अब वह ऐसा करेगा? या भारत अपनी ‘लक्ष्मण रेखाओं’ एवं विदेश नीति संबंधी संप्रभुता पर समझौता करेगा? सिर्फ इन दो स्थितियों में ही बात आगे बढ़ सकती है। वरना, संभावना है कि वार्ता के छठे दौर का अंजाम भी पहले जैसा ही रहेगा।


Previous News Next News

More News

इंदौर में दूषित पानी पीने से हुई मौत पर तीन अफसरों पर कार्रवाई

December 31, 2025

मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने से हुई मौतों के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सख्त एक्शन लिया है और तीन अधिकारियों पर कार्रवाई की है।  दरअसल, भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने के बाद लोगों को उल्टी की शिकायत हुई, जिनमें से कई लोग अस्पताल में…

सरकार का बड़ा फैसला, हाई-डोज निमेसुलाइड दवाओं पर लगाई रोक

December 31, 2025

सरकार ने दर्द और बुखार की दवाओं की उन सभी ओरल दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है, जिनमें निमेसुलाइड 100 मिलीग्राम से अधिक मात्रा में होता है और जो तुरंत असर करने वाली (इमीडिएट-रिलीज) होती हैं।  यह दवा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 26ए के…

सरकार का बड़ा फैसला, हाई-डोज निमेसुलाइड दवाओं पर लगाई रोक

December 31, 2025

सरकार ने दर्द और बुखार की दवाओं की उन सभी ओरल दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है, जिनमें निमेसुलाइड 100 मिलीग्राम से अधिक मात्रा में होता है और जो तुरंत असर करने वाली (इमीडिएट-रिलीज) होती हैं।  यह दवा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 26ए के…

डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स ने फिक्स सैलरी और सुरक्षा की मांग उठाई

December 31, 2025

प्रमुख डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार को कई शहरों में गिग वर्कर्स ने हड़ताल का ऐलान किया है। इसी बीच, डिलीवरी पार्टनर्स का कहना है कि उनसे 14 घंटे तक काम लिया जाता है, लेकिन उसके हिसाब से कंपनियां पैसा नहीं देती हैं।  दिल्ली में समाचार…

डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स ने फिक्स सैलरी और सुरक्षा की मांग उठाई

December 31, 2025

प्रमुख डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार को कई शहरों में गिग वर्कर्स ने हड़ताल का ऐलान किया है। इसी बीच, डिलीवरी पार्टनर्स का कहना है कि उनसे 14 घंटे तक काम लिया जाता है, लेकिन उसके हिसाब से कंपनियां पैसा नहीं देती हैं।  दिल्ली में समाचार…

logo