इलाज से परहेज भला!

Categorized as संपादकीय

गुजरे 27 जून को विदेशी मुद्रा भंडार में 879.98 मिट्रिक टन सोना था। साल भर पहले की तुलना में यह लगभग 40 टन ज्यादा है। इस दौरान भंडार में अमेरिकी ट्रेजरी बिल 242 बिलियन डॉलर से घटकर 227 बिलियन डॉलर के रह गए।

खबर दूरगामी महत्त्व की है। और यह संकेत है कि भारत भी उन देशों में शामिल है, जो विश्व वित्तीय बाजार में संभावित उथल-पुथल के मद्देनजर एहतियाती कदम उठा रहे हैं। खबर है कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में स्वर्ण का हिस्सा अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के ट्रेजरी विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक गुजरे 27 जून को विदेशी मुद्रा भंडार में 879.98 मिट्रिक टन सोना था। साल भर पहले की तुलना में यह लगभग 40 टन ज्यादा है। दूसरी तरफ पिछले साल 28 जून को भारतीय भंडार में 242 बिलियन डॉलर के अमेरिकी ट्रेजरी बिल (अमेरिकी बॉन्ड) थे, जबकि इस वर्ष 27 जून को ये घटकर 227 बिलियन डॉलर के रह गए।

मतलब साफ है। आरबीआई ने सोने में निवेश बढ़ाया, जबकि डॉलर में घटाया। यह मालूम नहीं है कि भारत ने चीन की तर्ज पर योजनाबद्ध ढंग से अमेरिकी बॉन्ड्स में निवेश घटाया है। मगर यह साफ है कि भारत ने नए निवेश में सोने को तरजीह दी है। इस तरह भारत ग्लोबल साउथ के आम ट्रेंड के साथ चला है। अमेरिकी डॉलर में विकासशील देशों के भरोसे को 2022 में झटका लगा, जब अमेरिका ने अपने रणनीतिक मकसद हासिल करने के लिए रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगा दिए और पश्चिमी बाजारों में मौजूद 300 बिलियन डॉलर के रूसी निवेश को जब्त कर लिया। तब से विभिन्न देशों के बीच आपसी कारोबार में अपनी मुद्राओं में भुगतान करने का चलन तेजी से बढ़ा है।

इस दौरान ब्रिक्स+ जैसे समूहों ने अंतरराष्ट्रीय भुगतान की नई प्रणाली विकसित करने पर काफी माथापच्ची की है। डॉनल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी वित्तीय व्यवस्था की स्थिरता को लेकर भी आशंकाएं गहराती चली गई हैँ। बहरहाल, भारत का अब तक घोषित रुख यही रहा है कि वह डॉलर का प्रचलन खत्म करने की किसी कोशिश का हिस्सा नहीं है। मगर आरबीआई के कदम संकेत देते हैं कि इस दौरान भारत भी ऐहतियाती कदम उठा रहा है। यह काबिल-ए-तारीफ है। अस्थिर होती दुनिया में अपने को हर हाल के लिए तैयार रखना उचित नजरिया है।


Previous News Next News

More News

इंदौर में दूषित पानी पीने से हुई मौत पर तीन अफसरों पर कार्रवाई

December 31, 2025

मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने से हुई मौतों के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सख्त एक्शन लिया है और तीन अधिकारियों पर कार्रवाई की है।  दरअसल, भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने के बाद लोगों को उल्टी की शिकायत हुई, जिनमें से कई लोग अस्पताल में…

सरकार का बड़ा फैसला, हाई-डोज निमेसुलाइड दवाओं पर लगाई रोक

December 31, 2025

सरकार ने दर्द और बुखार की दवाओं की उन सभी ओरल दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है, जिनमें निमेसुलाइड 100 मिलीग्राम से अधिक मात्रा में होता है और जो तुरंत असर करने वाली (इमीडिएट-रिलीज) होती हैं।  यह दवा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 26ए के…

सरकार का बड़ा फैसला, हाई-डोज निमेसुलाइड दवाओं पर लगाई रोक

December 31, 2025

सरकार ने दर्द और बुखार की दवाओं की उन सभी ओरल दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है, जिनमें निमेसुलाइड 100 मिलीग्राम से अधिक मात्रा में होता है और जो तुरंत असर करने वाली (इमीडिएट-रिलीज) होती हैं।  यह दवा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 26ए के…

डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स ने फिक्स सैलरी और सुरक्षा की मांग उठाई

December 31, 2025

प्रमुख डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार को कई शहरों में गिग वर्कर्स ने हड़ताल का ऐलान किया है। इसी बीच, डिलीवरी पार्टनर्स का कहना है कि उनसे 14 घंटे तक काम लिया जाता है, लेकिन उसके हिसाब से कंपनियां पैसा नहीं देती हैं।  दिल्ली में समाचार…

डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स ने फिक्स सैलरी और सुरक्षा की मांग उठाई

December 31, 2025

प्रमुख डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार को कई शहरों में गिग वर्कर्स ने हड़ताल का ऐलान किया है। इसी बीच, डिलीवरी पार्टनर्स का कहना है कि उनसे 14 घंटे तक काम लिया जाता है, लेकिन उसके हिसाब से कंपनियां पैसा नहीं देती हैं।  दिल्ली में समाचार…

logo