नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरएसएस की विचारधारा वाला वाइस चांसलर बनाने के फैसले का खुल कर बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि आरएसएस की विचारधारा वाला वाइस चांसलर नहीं बने, ऐसा कोई नियम नहीं है। अमित शाह ने बुधवार को संसद में कहा, ‘देश के विश्वविद्यालयों में RSS की विचारधारा वाले वाइस चांसलर की नियुक्ति में क्या गलत है। क्या कोई नियम है किस विचारधारा का व्यक्ति वीसी बनेगा’।
अमित शाह ने आगे आगे कहा, ‘देश के शैक्षणिक संस्थाओं में शीर्ष पदों पर वामपंथियों को इंदिरा गांधी ने बिठाया। देश के युवा धन को डायवर्ट करने का काम किया गया था’। शाह ने कहा, ‘देश के लिए मरना आरएसएस की विचारधारा है। देश की संस्कृति को बुलंद करना आरएसएस की विचार धारा है। मैं तो 10 साल की उम्र में नारा लगाता था, असम की गलियां सूनी हैं, इंदिरा गांधी खूनी है’।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, ‘विपक्ष ने सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, राम मंदिर, सीएए कानून, तीन तलाक, घुसपैठियों का हटाने का, वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध किया। इसलिए एनडीए चुनाव जीत है। वोट चोरी से चुनाव नहीं जीते’। अमित शाह ने आगे कहा, ‘ये देश जनसांख्यिकी के आधार पर पहले बंट चुका है। हम नहीं चाहते हमारी अगली पीढ़ी देश का बंटवारा देखे। भारत-बांग्लादेश सीमा 2,216 किलोमीटर है। 1,653 किलोमीटर बॉर्डर बन चुका है। केवल बंगाल में ही 563 किलोमीटर बनना बाकी है। बाकी राज्यों में ये बन चुका है। घुसपैठिया सबसे पहले गांव में घुसता है। पुलिस को पता नहीं चलता है। ये लोग देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं’।
