प्रदूषण के खिलाफ सख्त उपाय

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नई दिल्ली। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के माफी मांगने के एक दिन बाद दिल्ली में प्रदूषण से लोगों को बचाने के उपायों में तेजी आई है। सरकार ने एक के बाद एक कई उपाय किए हैं। दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप का चौथा चरण लागू हो गया है। साथ ही सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 फीसदी लोगों के लिए घर से काम करने का नियम भी लागू होगा। बाहर से बड़ी गाड़ियों की एंट्री बंद हो जाएगी। बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट वाली गाड़ियों को पेट्रोल और डीजल नहीं देने का नियम भी लागू हो गया है। स्कूल पहले ही हाइब्रीड मोड में कर दिए गए हैं या बंद कर दिए गए हैं।

सरकार ने निर्माण कार्य बंद होने से प्रभावित होने वाले मजदूरों को 10 हजार रुपए की मदद देने का ऐलान किया है। रजिस्टर्ड मजदूरों को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे। ध्यान रहे बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है और साथ ही तोड़ फोड़ के काम पर भी रोक लगा दी गई है। इससे हजारों मजदूरों और उनके परिवार का जीवन प्रभावित हो रहा है।

गौरतलब है कि दिल्ली में बुधवार को लगातार छठे दिन हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रही। औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 328 दर्ज किया गया लेकिन कई जगह यह चार सौ के करीब थी। हालांकि प्रदूषण का आंकड़ा जुटाने वाली निजी एजेंसियां या निजी कंपनियों के ऐप एक्यूआई हर जगह चार सौ से ज्यादा दिखा रहे थे। लगातार छह दिन से दमघोंटू हवा की वजह से दिल्ली की हालत खराब हुई है।

सुप्रीम कोर्ट ने भी बुधवार को इस मसले पर सुनवाई की और दिल्ली के साथ साथ एनसीआर के राज्यों के हालात की समीक्षा की। अदालत ने स्कूलों में छुट्टी से लेकर गाड़ियों पर रोक लगाने सहित तमाम मसलों पर सुनवाई की। सरकारों की ओर से बताया गया कि प्रदूषण को कम करने के लिए क्या क्या उपाय किए जा रहे हैं।

दिल्ली के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वर्क फ्रॉम होम का नियम गुरुवार से लागू होगा। कुछ सेक्टरों, जैसे स्वास्थ्य, फायर सर्विस, जेल प्रशासन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, डिजास्टर मैनेजमेंट जैसे जरूरी सेवाएं देने वाली संस्थानों को नियम से छूट दी गई है। कपिल मिश्रा ने बताया कि दिल्ली में 16 दिनों तक ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रैप का तीसरा चरण लागू रहा। इस दौरान निर्माण कार्य बंद थे। इससे दिहाड़ी मजदूर प्रभावित हुए हैं। तभी दिल्ली सरकार सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों के खातों में मुआवजे के तौर पर 10 हजार रुपए भेजेगी।


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