नई दिल्ली। देश में पांच साल की देरी के बाद अप्रैल 2026 में जनगणना शुरू होगी। जनगणना दो चरणों में होगी और पहली बार पूरी तरह से डिजिटली होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में जनगणना के लिए 11,718.24 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 30 लाख कर्मचारी डिजिटल जनगणना पूरी करेंगे। इसके लिए एक खास सॉफ्टवेयर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस सॉफ्टवेयर का डिजाइन डेटा सुरक्षा को ध्यान में रख कर बनाया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जनगणना दो चरण में होगी। पहला चरण अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच होगी, जिसमें घरों की लिस्टिंग और गिनती होगी। दूसरा चरण फरवरी 2027 होगा, जिसमें आबादी की गिनती होगी। गौरतलब है कि हर 10 साल पर होने वाली जनगणना 2021 में होने वाली थी। परंतु कोरोना महामारी की वजह से इसे टाल दिया गया था। तब से यह लंबित है।
बहरहाल, शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में और भी कई अहम फैसले हुए। कैबिनेट ने कोलसेतु विंडो को मंजूरी दी है। इसके तहत अलग अलग औद्योगिक इस्तेमाल और निर्यात के लिए कोल लिंकेज की नीलामी, सही पहुंच और रिसोर्स का सबसे अच्छा इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार ने 2026 सीजन के लिए कोपरा यानी सूखे नारियल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को मंजूरी दी। 2026 सीजन के लिए फेयर एवरेज क्वालिटी मिलिंग कोपरा के लिए एमएसपी 12,027 रुपए प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 12,500 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई है।
