नई दिल्ली। मुश्किलों में घिरी देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स दूसरी बार नागरिक विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए के सामने पेश हुए। करीब दो घंटे तक डीजीसीए के अधिकारियों ने एल्बर्स से पूछताछ की और उनसे जानना चाहा कि उनकी विमानन कंपनी की आगे की क्या योजना है और किस तरह से पायलट की कमी को पूरा किया जाएगा और 10 फरवरी तक दी गई सीमा के मुताबिक कंपनी कैसे काम कर रही है। उनसे पायलट और चालक दल की उपलब्धता और डीजीसीए के बनाए नए नियमों को लागू करने के बारे में भी पूछा गया।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इंडिगो की उड़ानों में 10 फीसदी की कटौती कर दी है। साथ ही उसके मुख्यालय में कई अधिकारियों को तैनात किया है, जो उसके कामकाज पर नजर रख रहे हैं। इस बीच इंडिगो की ओर से कहा गया है कि प्रभावित यात्रियों को रिफंड के अलावा मुआवजे में ट्रैवल वाउचर भी दिए जाएंगे। कंपनी ने गुरुवार को बताया कि तीन से पांच दिसंबर के बीच फ्लाइट कैंसिल से ज्यादा परेशान हुए यात्रियों को 10 हजार रुपए का ट्रैवल वाउचर मिलेगा।
हालांकि इंडिगो ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि ज्यादा परेशान का मतलब क्या है और किन यात्रियों को यह मुआवजा मिलेगा। उसकी और से बताया कि ट्रैवल वाउचर अगले 12 महीने तक किसी भी इंडिगो फ्लाइट की बुकिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। कंपनी के अनुसार यह मुआवजा उस पांच से 10 हजार रुपए के अलावा होगा, जो विमान के उड़ान भरने के समय के 24 घंटे के अंदर विमान रद्द होने पर मिलता है।
गौरतलब है कि पिछले नौ दिन में इंडिगो की करीब पांच हजार उड़ानें रद्द हुई हैं। इससे पैदा हुए संकट से निपटने के लिए डीजीसीए ने कई नियम बदले हैं। नए आदेश के मुताबिक अब किसी भी निर्धारित उड़ान में तकनीकी कारण से 15 मिनट या उससे ज्यादा की देरी होती है तो उसकी जांच अनिवार्य होगी। विमानन कंपनी को बताना होगा कि देरी क्यों हुई? उसे कैसे ठीक किया गया? दोबारा न होने के लिए क्या उपाय किए? ये ऐसे प्रावधान हैं, जो पहले लागू नहीं थे।
